मराठा आरक्षण आंदोलन: आजाद मैदान में आंदोलन के लिए मंच निर्माण, सरकार से दो दौर की वार्ता रही विफल

  • जरांगे का ऐलान, 26 को मुंबई प्रस्थान
  • मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों से समाधान निकालने की अपील
  • आजाद मैदान में आंदोलन के लिए बनाया जा रहा मंच
  • बंद कमरे में चर्चा के सवाल पर भड़के जरांगे-पाटील

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-25 16:44 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई कूच कर चुके मनोज जरांगे-पाटील और प्रदेश सरकार के अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल के बीच गुरुवार को हुई दो दौर की बैठक विफल रही। जरांगे-पाटील पुणे के लोनावला वाला से मुंबई की ओर आने के लिए निकल चुके हैं। हालांकि उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार प्रत्यक्ष आकर मुझसे मुलाकात करें और मराठा आरक्षण पर समाधान निकालें। जरांगे ने कहा है कि गुरुवार की रात वाशी में विश्राम के बाद वे शुक्रवार 26 जनवरी को मुंबई के लिए प्रस्थान करेंगे। इस बीच आजाद मैदान पुलिस ने आजाद मैदान में जरांगे को अनशन पर बैठने की अनुमति नहीं दी है। पुलिस ने उन्हें नोटिस भी जारी किया है। इस बीच मुख्यमंत्री शिंदे ने सातारा में कहा कि सरकार मराठा आरक्षण को लेकर कटिबद्ध है। हमें जरांगे-पाटील से सहयोग की अपेक्षा है।

जरांगे का दावा, मुझे पुलिस से मिली अनुमति

जरांगे-पाटील ने दावा किया है कि उन्हें पुलिस प्रशासन ने आजाद मैदान में अनशन करने की अनुमति दे दी है। मुझे पुलिस ने केवल हाईकोर्ट के आदेश से संबंधित नोटिस दिया है। इस बीच आजाद मैदान में जरांगे-पाटील के अनशन के लिए मंच तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। आजाद मैदान में मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयकों के साथ राकांपा (शरद) के विधायक रोहित पवार ने मुलाकात की। लोनावला में जरांगे-पाटील ने कहा कि मुझसे सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने दो बार बैठक की है। लेकिन ठोस नतीजा नहीं निकल पा रहा है। इसलिए मेरी मराठा समाज की ओर से मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों से अपील है कि तीनों लोग इस मामले को गंभीरता से लेते हुए समाधान निकालें। वहीं छत्रपति संभाजीनगर के विभागीय आयुक्त मधुकर राजेअर्दड ने भी लोनावला में जरांगे-पाटील से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मैंने जरांगे-पाटील को सरकार की ओर से उठाए गए कदमों और फैसले की जानकारी दी है। इधर, मुंबई मराठा क्रांति के समन्वयक वीरेंद्र पवार ने कहा कि वे 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन झंडा वंदन करेंगे और जरांगे-पाटील अनशन शुरू करेंगे।

बंद कमरे में चर्चा के सवाल पर भड़के जरांगे-पाटील

जरांगे-पाटील ने गुरुवार को सरकार के अफसरों के साथ दो दौर की बैठक बंद कमरे में की। इस पर मीडिया ने जब उनसे सवाल पूछा तो वे भड़क गए। उन्होंने कहा कि मेरे समाज को कोई समस्या नहीं है तो आपको क्या समस्या है? फिर जरांगे-पाटील ने दावा करते हुए कहा कि अधिकारी भीड़ होने के कारण मंच पर चर्चा करने से डर रहे थे। मुझे बीच का रास्ता निकालना था इसलिए मैंने कमरे में उनके साथ बैठक की।

एकनाथ शिंदे, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग मराठा समाज के पिछड़ेपन का आकलन करने के लिए सर्वे शुरू है। इसलिए जरांगे-पाटील को सरकार का सहयोग करना चाहिए। मैंने अभी तक जरांगे-पाटील से कोई चर्चा नहीं की है। लेकिन सरकार के अधिकारी लगातार जरांगे-पाटील के साथ संपर्क में बने हुए हैं।

जरांगे-पाटील की प्रमुख मांगे

- मराठा समाज को आरक्षण लागू करें

- शिंदे समिति को 54 लाख मिले पुराने अभिलेखों के आधार पर कुणबी जाति का प्रमाणपत्र वितरित करें

- जालना में हुए अनशन के दौरान मराठा समाज के लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं

डिब्बे वाले करेंगे भोजन की व्यवस्था

मनोज जरांगे-पाटील के साथ आजाद मैदान में आने वाले लोगों के भोजन की व्यवस्था मुंबई के डिब्बे वाले करेंगे। मुंबई डिब्बे वाला एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष तलेकर ने ‘दैनिक भास्कर' से बातचीत में कहा कि डिब्बे वाले रोटी बैंक के माध्यम से आंदोलनकारियों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए हमने 10 वाहन तैयार रखे हैं।

नाना पटोले, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि शिंदे-भाजपा सरकार की बड़ी विफलता के कारण मराठा समाज को मुंबई में अनशन के लिए आना पड़ रहा है।

जरांगे-पाटील को पुलिस का नोटिस

मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे-पाटील को मुंबई पुलिस ने नोटिस भेजा है। नोटिस में आजाद मैदान पुलिस ने कहा कि दक्षिण मुंबई में रोजाना 60 से 65 लाख लोग दक्षिण मुंबई इलाके में रोजी-रोटी के लिए आते हैं। इतनी बड़ी संख्या में लोग अगर आजाद मैदान में आएंगे तो कानून व्यवस्था में बाधा निर्माण हो सकता है। आजाद मैदान की क्षमता सात हजार स्क्वायर मीटर की है, जिसमें 5 से 6 हजार लोग ही आ सकते हैं। सकल मराठा समाज के लिए नवी मुंबई के खारघर स्थित ‘इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन पार्क’ ही एक मात्र उचित और वैकल्पिक जगह है।

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