बॉम्बे हाईकोर्ट: अदालत ने वाधवा समूह की अपील की खारिज, दूसरे मामले में 2 आरोपियों को जमानत
- अदालत ने वाधवा समूह की अपील को किया खारिज
- महारेरा के फैसले को रखा बरकरार
- युवक की हत्या का मामला- दो आरोपियों को बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली जमानत
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट से वाधवा समूह को झटका लगा है। अदालत ने महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (महारेरा)के फैसले को बरकरार रखते हुए वाधवा समूह द्वारा दायर अपील को खारिज कर दी। अदालत ने वाधवा समूह को फ्लैट खरीदार विजय चोकसी को ब्याज के साथ पूरी रकम वापस करने का आदेश दिया गया था। न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की पीठ के समक्ष वाधवा समूह की अपील पर सुनवाई हुई। वाधवा समूह की अपील में दलील थी कि खरीदार ने परियोजना में सह-प्रवर्तक एवं संयुक्त डेवलपर साई समूह से फ्लैट खरीदा था और सभी राशि का भुगतान किया था। इसलिए वाधवा समूह को इसके लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है। वाधवा समूह की दलीलों को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि समूह आरईआरए अधिनियम की धारा 2 (जेड) (के) के तहत परिभाषित सह-प्रवर्तक था। इसलिए यह रिफंड की सभी देनदारियों में खरीददारों के लिए वाधवा समूह संयुक्त रूप से उत्तरदायी था। पीठ ने महारेरा की प्रस्तावना पर विचार करते हुए आदेश दिया कि अधिनियम फ्लैट खरीदारों के लिए एक लाभकारी कानून है। वाधवा समूह की कोई गोपनीयता न होने की दलील असंगत और अधिनियम की मंशा के खिलाफ है। पीठ ने वाधवा समूह की अपील को खारिज करते हुए फ्लैट खरीदार को पूरी रमक वापस करने का आदेश दिया।
युवक की हत्या का मामला- दो आरोपियों को बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली जमानत
वहीं दूसरे मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट से दहिसर में हुई युवक की हत्या के दो आरोपियों को जमानत मिल गयी। अदालत ने पाया कि प्रथम दृष्टया गवाहों के बयानों और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों आरोपियों के खिलाफ युवक हत्या में अहम भूमिका नहीं थी। युवक की मौत चाकू से हमला करने से हुई थी। न्यायमूर्ति एन.जे.जमादार की एकलपीठ के समक्ष वकील प्रशांत पांडे और दिनेश जाधवानी की ओर से ईश्वर नंदू नायडू एवं सुभाष पारखे की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं के वकील पांडे ने दलील दी कि 2 जुलाई 2021 को दहिसर में एक शौचालय के पास बाइक से दो युवक रुग्वेश भालेकर और सतीश भारद्वाज पहुंचे थे। इस दौरान उनका कुछ लोगों से झगड़ा हुआ और उन्होंने भालेकर और भारद्वाज के साथ मारपीट की। आरोपी गोविंद के चाकू से हमला करने से भारद्वाज गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे शताब्दी अस्पताल में ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गयी। दहिसर पुलिस ने भारद्वाज के साथी भालेकर के बयान के आधार पर हत्या का मामला दर्ज कर याचिकाकर्ताओं समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। याचिकाकर्ताओं पर आरोप था कि उन्होंने मृतक पर लोहे के रड से हमला किया। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भारद्वाज की मौत का कारण चाकू लगने होने की बात सामने आयी। इससे याचिकाकर्ताओं की हत्या में अहम भूमिका नहीं पाई गई है। ऐसे में वे जमानत पाने के हकदार हैं। पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील की दलील को स्वीकार करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया गवाहों के बयानों और पीएम रिपोर्ट को जोड़कर देखा जाए, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि युवक की मौत मुख्य आरोपी गोविंद द्वारा चाकू से किए गए हमले के कारण हुई। याचिकाकर्ताओं को 25 जुलाई 2021 से गिरफ्तार किया गया था। यह संभावना नहीं है कि मुकदमा उचित अवधि के भीतर समाप्त किया जा सकता है। इसे देखते हुए याचिकाकर्ताओं की याचिका स्वीकार की जाती है।