महाराष्ट्र: वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक परियोजना की लागत 6 हजार 788 करोड़ रुपए बढ़ी, जानिए - शिंदे करेंगे मुंबई-गोवा हाईवे का दौरा
- परियोजना पर अब खर्च होंगे 18 हजार 120 करोड़ रुपए
- गणेशोत्सव से पहले मुख्यमंत्री शिंदे करेंगे मुंबई-गोवा हाईवे का दौरा
- हर 10 किमी पर तैनात होंगे एम्बुलेंस से लैस डॉक्टर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने स्वातंत्र्य वीर सावरकर वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक परियोजना संशोधित कीमत को मंजूरी दी है। प्रदेश के सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके मुताबिक वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक परियोजना की लागत अब 18 हजार 120 करोड़ 96 लाख रुपए होगी। जबकि 29 अगस्त 2018 को तत्कालीन मंत्रिमंडल की आधारभूत सुविधा समिति ने इस परियोजना की 11 हजार 332 करोड़ 80 लाख रुपए की संशोधित कीमत को स्वीकृति दी थी। यानी छह सालों में इस परियोजना की कीमत 6 हजार 788 करोड़ 14 लाख रुपए बढ़ गई है। इससे पहले 4 दिसंबर 2017 को सरकार ने इस परियोजना के 7 हजार 502 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को प्रशासनिक मंजूरी दी थी। कास्टिंग यार्ड की जगह जुहू के बजाय मालाड में स्थलांतरित करने के कारण निर्माण कार्य पर 544 करोड़ 92 लाख रुपए का अतिरिक्त खर्च होगा। जुहू को जोड़ने वाले मार्ग को बलने के लिए 2 हजार 62 करोड़, जुहू और वर्सोवा कनेक्टर मार्ग को पश्चिम एक्सप्रेस हाइवे की ओर विस्तार करने के लिए 2 हजार 2 करोड़ रुपए, जीएसटी की दर 12 से 18 प्रतिशत होने से 532 करोड़ समेत अन्य अतिरिक्त कामों के कारण परियोजना की लागत राशि बढ़ी है। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) की ओर से परियोजना की संशोधित कीमत को लेकर भेजे गए प्रस्ताव को सरकार ने मंजूरी दी है। इस परियोजना के कामों को लेकर स्थानीय कोली समाज के लोगों की कुछ समस्याएं थीं। ठेकेदार के मशीन और सामग्री की ढुलाई के कारण कोली समाज का व्यवसाय प्रभावित हो रहा था। इसके मद्देनजर कोली समाज ने नुकसान भरपाई देने की मांग की थी। इसको देखते हुए सरकार ने 7 फरवरी 2019 को कोली समाज और ठेकेदार के बीच समन्वय स्थापित करके समस्या का समाधान करने के लिए समिति का गठन किया था। काम चालू होने के दौरान मछुआरों ने परियोजना में बदलाव करने का आग्रह किया था। इससे मद्देनजर कास्टिंग यार्ड की जगह में बदलाव और अन्य कामों के कारण परियोजना की राशि बढ़ गई है।
गणेशोत्सव से पहले मुख्यमंत्री शिंदे करेंगे मुंबई-गोवा हाईवे का दौरा
उधर मुंबई गोवा हाईवे और मुंबई नाशिक हाईवे पर भारी बारिश की वजह से हुए गड्ढों के चलते हर रोज हजारों लोग ट्रैफिक जाम में फंस रहे हैं। अब इसको लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जिला प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को एक साथ समन्वय में काम करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही शिंदे ने दोनों मुंबई गोवा हाईवे पर बाईपास और सर्विस रोड को गणेश उत्सव से पहले तैयार करने को कहा है। मुख्यमंत्री शिंदे 10 अगस्त के बाद दोनों हाईवे के कार्यों का खुद निरीक्षण करेंगे। गणेश उत्सव के दौरान मुंबई गोवा हाईवे पर भक्तों की सुविधा के लिए प्रत्येक 10 किलोमीटर पर चिकित्सा सहायता कक्षा और एंबुलेंस की व्यवस्था करने को कहा गया है। शिंदे ने कहा कि प्रतिवर्ष गणेश उत्सव के दौरान मुंबई गोवा हाईवे से लाखों लोग कोकण जाते हैं। इस दौरान उनकी यात्रा सुखद और सुरक्षित होनी चाहिए, इससे पहले ही प्राधिकरण को हाईवे के रास्तों को गड्ढा मुक्त करना होगा। शिंदे ने मुंबई गोवा हाईवे पर यातायात के दौरान भारी वाहनों को वैकल्पिक मार्ग पर डाइवर्ट करने को भी कहा है। हाईवे पर जिस स्थान पर दुर्घटना ज्यादा होती हैं, वहां पर एक्सप्रेस वे की तर्ज पर सुरक्षा जाल लगाने को कहा गया है। अगर रास्ते में गाड़ी खराब हो जाती है तो सड़क के किनारे पार्किंग की व्यवस्था भी की जाए।मुख्यमंत्री शिंदे ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी को नियुक्त करने का भी आदेश दिया है जो स्थानीय प्रशासन से संपर्क में रहेगा। गौरतलब है कि मुंबई गोवा हाईवे पिछले कई साल से अधर में लटका हुआ है, जिसका निर्माण कार्य इस साल के आखिर तक पूरा होने की उम्मीद है। इस हाईवे के निर्माण कार्य को लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी नाराजगी जता चुके हैं। अजित ने कुछ दिनों पहले इसके निर्माण कार्य में हुई लेटलतीफी पर तंज कसते हुए कहा था कि इस हाईवे पर फिल्म भी बननी चाहिए।