बॉम्बे हाईकोर्ट: वीवीसीएमसी और पुलिस के बीच भ्रष्टाचार की सांठगांठ
- ब्रोकर पर एक दर्जन एफआईआर दर्ज
- बॉम्बे हाई कोर्ट ने ब्रोकर की पत्नी की दायर की रिट याचिका
- याचिका को जनहित याचिका में बदलने का दिया निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई. वसई-विरार शहर महानगरपालिका (वीवीसीएमसी) और मीरा भायंदर वसई विरार (एमबीवीवी) पुलिस के बीच भ्रष्टाचार की सांठगांठ से वसई-विरार में बनी अवैध इमारतों और उसमें फंसे लोगों से उगाही को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। अदालत ने ब्रोकर की पत्नी अंकिता प्रशांत पाटिल की दायर की रिट याचिका को जनहित याचिका में बदलने निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति ए.एस.गडकरी और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने अंकिता प्रशांत पाटिल की ओर से वकील भास्कर झा की दायर रिट याचिका को जनहित याचिका में बदलने का निर्देश दिया है। याचिका में दावा किया गया है कि वसई-विरार महानगर पालिका अधिकारियों से मिली भगत कर विरार पुलिस अवैध इमारतों को बनाने वाले बिल्डरों और उनसे जुड़े लोगों से बड़े पैमाने पर उगाही कर रहे हैं। याचिकाकर्ता अंकिता पाटिल वसई (पूर्व) में रहती है। उनके पति प्रशांत पाटिल ब्रोकर का काम करते थे। वीवीसीएमसी के अंतर्गत बिल्डरों के 55 इमारतें अवैध रूप से बनाए जाने का मामला सामने आया है।
बिना वीवीसीएमसी के अधिकारियों की मिली भगत से अवैध इमारतें नहीं बन सकती हैं। अब पुलिस अवैध इमारतों को बनाने वाले बिल्डरों को बचाने के लिए उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। वीवीसीएमसी के अधिकारियों ने अवैध रूप से इमारत बनाने वाले बिल्डरों के खिलाफ विरार,अचोले,नालासोपारा,मानिकपुर तुलिंज, वालिव और पेल्हार समेत आस-पास के कई पुलिस स्टेशनों एफआईआर दर्ज कराए हैं। विरार पुलिस ने मे.रूद्रांश रियल्टर्स के बिल्डर दिलीप कैलाश बनवंशी के खिलाफ मामला दर्ज किया। इस मामले में बिल्डर के साथ अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
इसी मामले में विरार पुलिस स्टेशन में कार्यरत रहे सहायक उप पुलिस निरीक्षक सुरेंद्र सुबाष शिवधे ने उनके पति प्रशांत पाटिल को पूछताछ के लिए बुलाया। याचिकाकर्ता का दावा है कि पुलिस ने उनके पति को गिरफ्तारी करने की धमकी देकर 3 लाख रुपए की मांग की गयी। वह पुलिस को 2 लाख रुपए दिए। इसके बावजूद एक लाख रुपए के लिए पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके पति को पुलिस स्टेशन में प्रताड़ित कर उनसे 5 लाख रुपए रिश्वत की मांग की गयी। वह अपने गहने मुत्थू फाइनेंस के पास गहने गिरवी रख कर 4 लाख रुपए पुलिस को दिए।
इसके बाद उनसे और पैसे की मांग की गयी, तो उन्होंने मीरा भायंदर वसई विरार (एमबीवीवी) पुलिस आयुक्त से सहायक उप पुलिस निरीक्षक सुरेंद्र सुभाष शिवधे के रिश्वत लेने के खिलाफ शिकायत की। आरोप है कि शिवधे द्वारा वीवीसीएमसी के अधिकारियों से प्रशांत पाटिल के खिलाफ विभिन्न पुलिस स्टेशनों में 12 एफआईआर दर्ज की गई है। विरार पुलिस स्टेशन में अवैध रूप से बनी बिल्डिंगों के जांच का जितने भी मामले आए, उसे सहायक उप पुलिस निरीक्षक सुरेंद्र सुभाष शिवधे को ही सौंपे गए। जबकि कोई भी जांच पुलिस उप निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को सौंपी जाती है।