अधिकारी सम्मेलन: जनप्रतिनिधियों का आचरण हो संसदीय मर्यादा के अनुरूप - लोकसभा अध्यक्ष
- नियम तोड़ने के कदम का बचाव अच्छा नहीं: प्रधानमंत्री मोदी
- जनप्रतिनिधियों का आचरण हो संसदीय मर्यादा के अनुरूप
- नरेंद्र मोदी वीडियो संदेश का माध्यम से शामिल
- भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन
डिजिटल डेस्क, मुंबई. लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का आचरण संसदीय मर्यादा के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने विधान मंडलों में अनुशासनहीनता, कार्यवाही में व्यवधान और असंसदीय आचरण की घटनाओं पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक में असहमति जताने का अधिकार है। लेकिन व्यवधान के जरिए विरोध और असहमति नहीं जताई जानी चाहिए। शनिवार को लोक सभा अध्यक्ष ने तीन दिवसीय 84वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का उद्घाटन किया।
महाराष्ट्र विधान सभा के उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल मौजूद थे
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो संदेश का माध्यम से शामिल हुए। विधानसभा के सदन में आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश, महाराष्ट्र विधान सभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोर्हे और महाराष्ट्र विधान सभा के उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल मौजूद थे।
नियम तोड़ने के कदम का बचाव अच्छा नहीं: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘एक समय था जब सदन में अगर कोई सदस्य नियम तोड़ता था और उस सदस्य के खिलाफ कार्रवाई होती थी, तो सदन के वरिष्ठ सदस्य उनसे बात करते थे ताकि भविष्य में वह गलती न दोहराएं। लेकिन आजकल कुछ राजनीतिक दल ऐसे सदस्यों के समर्थन में खड़े होते हैं और उनकी गलतियों का बचाव करते हैं। यह स्थिति संसद या राज्य विधानसभाओं के लिए अच्छी नहीं है।’