बॉम्बे हाईकोर्ट: पाक्सो मामले में कंपनी मालिक को मिला अंतरिम संरक्षण
- 15 जनवरी को अग्रिम जमानत पर अगली सुनवाई
- कर्मचारी की नाबालिग बेटी ने दर्ज कराई दुराचार का मामला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट से सनशाइन सॉक्स कंपनी के मालिक विनोद कुमार दुबे को नाबालिग से दुराचार के मामले में अंतरिम संरक्षण मिल गई। याचिकाकर्ता के खिलाफ उनके कर्मचारी की नाबालिग बेटी ने दुराचार, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का मामला दर्ज कराई है। मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी को होगी। न्यायमूर्ति एन.जे.जमादार की एकल पीठ के समक्ष वकील सुशील उपाध्याय और वकील अंकित उपाध्याय की ओर से पालघर के सनशाइन सॉक्स कंपनी के मालिक विनोद कुमार दुबे की अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील अशोक सरावगी ने दलील दी कि याचिकाकर्ता को झूठे मामले में फंसाया गया है। उसने इस साल 20 अगस्त को तारापुर पुलिस स्टेशन में अपने कुछ कर्मचारियों के खिलाफ गैरकानूनी सभा करने, मारपीट और गंभीर रूप से घायल करने का मामला दर्ज कराया था। उसके बाद आरोपी कर्मचारियों में से एक कर्मचारी की नाबालिग बेटी ने याचिकाकर्ता के खिलाफ तारापुर पुलिस स्टेशन में आंख मारने, उसका हाथ पकड़ने और छाती को अनुचित तरीके से छूने की शिकायत की। पुलिस ने कंपनी मालिक के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो), अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) के विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। जब पुलिस ने याचिकाकर्ता को समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया, तो वह गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की।
याचिकाकर्ता ने अपनी एफआईआर, चोट की मेडिकल रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज की प्रतियां अदालत में पेश किया, जिसमें एक भीड़ को कंपनी परिसर में प्रवेश करते हुए दिखाया गया है। अदालत ने पाया कि प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता को छेड़छाड़ के मामले में संदेह का लाभ मिला। उसे अंतरिम संरक्षण दे दी गई। यदि तारापुर पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती है, तो वह 30 हजार रुपए का बांड भर कर जमानत पर रिहा किया जाएगा।