उठाए कदम: सीएम शिंदे ने अंतरवाली के 441 किसानों को दिया 32 लाख मुआवजा, नई औद्योगिक नीति बनाने अध्ययन समूह का गठन
- अंतरवाली के 441 किसानों को दिया 32 लाख मुआवजा
- नई औद्योगिक नीति बनाने अध्ययन समूह का गठन
- दुग्ध व्यवसाय के लिए कृषि संजीवनी और बालासाहेब ठाकरे योजना की मदद लेंगे- देवेंद्र फडणवीस
डिजिटल डेस्क, मुंबई. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विदर्भ और मराठवाड़ा के दुग्ध व्यवसाय लिए राज्य सरकार की नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी परियोजना और बालासाहेब ठाकरे कृषि व्यवसाय व ग्रामीण परियोजना की मदद ली जाएगी। इसके जरिए तीन लाख 30 हजार रोजगार सृजन के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार निधि भी उपलब्ध कराएगी। शुक्रवार को फडणवीस की मौजूदगी में विदर्भ और मराठवाड़ा की दुग्ध विकास परियोजना की बैठक हुई। राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी और राज्य के दुग्धव्यवसाय विकास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील मौजूद थे। इस दौरान विदर्भ और मराठवाड़ा के लिए तैयार की गई नई दुग्धविकास परियोजना पर चर्चा हुई। गडकरी ने कहा कि पांच साल के लिए बनाई गई नई परियोजना से विदर्भ और मराठवाड़ा के किसानों को फायदा मिल सकेगा। जबकि विखे पाटील ने कहा कि विदर्भ और मराठवाड़ा की दुग्धव्यवसाय योजना की परियोजना अग्रणी साबित होगी। इस परियोजना से दोनों अंचल के किसानों को फायदा होगा।
सीएम शिंदे ने अंतरवाली के 441 किसानों को दिया 32 लाख मुआवजा
14 अक्टूबर को जालना के अंतरवाली सराटी में मनोज जरांगे पाटील की रैली हुई थी जिसमें लाखों की संख्या में भीड़ जमा हुई थी। उस दौरान इलाके के किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ था। राज्य सरकार ने अब इलाके के 441 प्रभावित किसानों को 32 लाख रुपए का मुआवजा दिया है। मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कक्षा के प्रमुख मंगेश चिवटे ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विशेष मामले में मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कक्ष से आंदोलन के दौरान लाठीचार्ज से घायल हुए आंदोलनकारियों को 25 लाख रुपए की वित्तीय सहायता भी प्रदान की थी। जरांगे पाटील ने गुरुवार को अनशन वापस ले लिया था और सरकार को 2 जनवरी तक का समय दिया है।
नई औद्योगिक नीति बनाने अध्ययन समूह का गठन
राज्य सरकार ने नई औद्योगिक नीति तैयार करने के लिए अध्ययन समूह का गठन किया है। प्रदेश के उद्योग निदेशालय के अतिरिक्त विकास आयुक्त शनमुगराजन की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय अध्ययन समूह बनाया गया है। शुक्रवार को राज्य के उद्योग विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। राज्य की वर्तमान औद्योगिक नीति की अवधि 30 मार्च 2024 को खत्म हो जाएगी। अध्ययन समूह को राज्य की मौजूदा औद्योगिक नीति 2019 के लक्ष्यों और सफलताओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करके रिपोर्ट करना पड़ेगा। इसके आधार पर अध्ययन समूह को तीन महीने के भीतर सरकार को रिपोर्ट सौंपना होगा।