मध्य रेलवे के सानपाडा वर्कशॉप ने ईजाद की नई तकनीक, ट्रेन का पहिया अब नहीं होगा ब्लॉक
- ईजाद की नई तकनीक
- एक्सल टूटने से ट्रेन का पहिया अब नहीं होगा ब्लॉक
- जीपीएस से होगी लाइव मॉनीटरिंग
- एक लोकल ट्रेन में किया जा रहा परीक्षण
डिजिटल डेस्क, मुंबई, सुजीत गुप्ता। एक्सल टूटने से लोकल और मेल-एक्सप्रेस गाड़ियों के पहिए अब ब्लॉक नहीं होंगे। गाड़ी के पहिए में लगी ट्रैक्शन मोटर में जीपीएस (ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम) सिस्टम लगाया जाएगा। इसके माध्यम से लाइव मॉनिटरिगं की जाएगी। यह तकनीक मध्य रेलवे के सानपाडा वर्कशाप में ईजाद की गई है। ठीक से मरम्मत नहीं होने के कारण एक्सेल ब्लॉक हो जाता है। ऐसे में ट्रेन का पहिया नहीं घूमता है। रेल पटरी और पहिए के बीच लगातार घर्षण के चलते एक्सल टूट जाता है। नई तकनीक की मदद से गड़बड़ी की जानकारी मिलते ही समय पर एक्सल दुरुस्त किया जा सकता है। इससे गाड़ियों के परिचालन को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
मध्य रेलवे ने परीक्षण के लिए यह सिस्टम एक लोकल ट्रेन में लगाया है। इसके जरिए लोकल की ट्रैक्शन मोटर की रिमोट मॉनीटरिंग की जाएगी। लगाए गए सेंसर की मदद से मोटर और एक्सल का तापमान भी पता चलेगा।
जीपीएस सिस्टम से इस तरह मिलेगी मदद
अधिकारियों ने बताया कि चलती ट्रेन में पहिए का तापमान 80 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है तो एक्सल टूटने के चांस बढ़ जाते हैं। जीपीएस और सेंसर की मदद से तापमान की जानकारी मिलेगी। 50 डिग्री सेल्सियस तापमान पर नारंगी रंग का अलर्ट मिलेगा। तापमान 65 डिग्री होने पर लाल रंग का अलर्ट मिलेगा। रेड अलर्ट मिलते ही ट्रेन लूप लाइन पर डायवर्ट की जाएगी। जांच के बाद जो भी खामी होगी, वह ठीक की जाएगी।
डॉ. शिवराज मानसपुरे, सीपीआरओ , मध्य रेलवे के मुताबिक गाड़ियों के एक्सल टूटने की घटनाएं रोकने के लिए ट्रायल के लिए यह सिस्टम एक लोकल ट्रेन में सानपाडा वर्कशॉप ने लगाया है। तापमान की निगरानी में नई तकनीक अपनाने से यात्री सुरक्षा में वृद्धि होगी।
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साल 2015 में टूटा था लोकल का एक्सेल
2015 में अंधेरी के पास विरार से चर्चगेट जाने वाली लोकल ट्रेन के कोच (4003 बी) का एक्सल टूट गया था। इसके कारण लोकल के सात डिब्बे पटरी से उतर गए थे और कई यात्री घायल हुए थे।
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इसी साल जुलाई में वाराणसी से अहमदाबाद की ओर जा रही साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एक कोच का एक्सल टूट गया था। यह घटना बीना के पास हुई थी। यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से टूटे एक्सल वाले कोच को ट्रेन से अलग कर दिया गया। कुल 84 यात्रियों को दूसरे डिब्बे में शिफ्ट किया गया था।