शीना बोरा हत्याकांड में नया मोड़: सीबीआई ने 23 गवाहों पर भरोसा नहीं होने का हवाला देकर केस से हटाए नाम
- गवाहों में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के नाम शामिल
- सीबीआई ने विशेष अदालत को दी जानकारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शीना बोरा हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में 23 गवाहों पर भरोसा नहीं होने का हवाला देकर सीबीआई ने उनके नाम केस से हटा दिए हैं। इसमें मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश मारिया, मामले में जांच अधिकारी रहे दयानंद कदम, रायगढ़ के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आर.डी.शिंदे और मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) सत्यनारायण के नाम शामिल है। शीना बोरा हत्याकांड में मुख्य आरोप में इंद्राणी मुखर्जी है।
सीबीआई के अधिकारी रोहित भारद्वाज ने गुरुवार को विशेष अदालत एक लिखित पत्र पेश किया, जिसमें 23 गवाहों को केस से हटाने की बात कही गयी। अदालत में सुनवाई के दौरान 2 गवाहों के बयान दर्ज किए, जिसमें उन्होंने दावा किया कि सीबीआई के अधिकारी इंद्राणी मुखर्जी को पहचानने के लिए कहा था। सीबीआई ने दोनों गवाहों के अपने पुराने बयान से मुकरने की बात कही। इस मामले में 250 गवाह हैं, जिसमें से 86 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी को रखा है।
क्या है पूरा मामला
2 मई 2012 को रायगढ़ के जंगल में एक महिला की अधजली लाश मिली थी। साल 2015 में खुलासा हुआ कि वह अधजली लाश शीना बोरा की थी। उसकी हत्या कर लाश को जला दी गयी थी। पुलिस ने इस मामले में शीना बोरा की मां इंद्राणी मुखर्जी और सौतेले पिता पीटर मुखर्जी समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार किया। पहले मामले की जांच मुंबई पुलिस कर रही थी. बाद में जांच सीबीआई को सौंपी गई। सीबीआई की विशेष अदालत में मामले की सुनवाई चल रही है।