बॉम्बे हाईकोर्ट: एससी-एसटी एक्ट के दुरुपयोग का मामला, मुंबई पुलिस को हाईकोर्ट की कड़ी फटकार

  • बिना अनुमति आरोप-पत्र दाखिल करने से मना किया
  • संयुक्त पुलिस आयुक्त को जांच करने का आदेश

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-14 15:16 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. दक्षिण मुंबई के ताड़देव निवासी संदेश प्रभाकर केसरकर के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग कर मामला दर्ज करने पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस को फटकार लगाई है। अदालत ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) को मामले की जांच करने और ताड़देव पुलिस को बिना अनुमति आरोप-पत्र दाखिल करने से मना किया है। न्यायमूर्ति एएस गडकरी और न्यायमूर्ति श्याम सी. चांडक की खंडपीठ के समक्ष केसरकर की ओर से वकील यश वर्धन तिवारी ने दलीलें पेश कीं। वकील ने कोर्ट को बताया कि गणेश रमेश चीते की झूठी शिकायत पर ताड़देव पुलिस ने इस साल 14 फरवरी को उनके मुवक्किल के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी। चीते के बयान से यह साबित नहीं हुआ कि याचिकाकर्ता ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार (रोकथाम) अधिनियम 1981 के तहत शिकायतकर्ता का अपमान किया था। वकील ने अनुरोध किया कि झूठी शिकायत पर याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द की जाए और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

क्या है मामला

याचिकाकर्ता अपने दोस्त के साथ 13 फरवरी को ताड़देव के मिल कंपाउंड में बाइक से जा रहा था। इस दौरान पास में खड़े शिकायतकर्ता ने याचिकाकर्ता पर कुछ टिप्पणी की। इसको लेकर उनमें गाली-गलौच हो गई। दोनों ताड़देव पुलिस स्टेशन गए और एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

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