सांसद वायकर के रिश्तेदार के खिलाफ मामला दर्ज, मतगणना के दौरान मोबाइल उपयोग का आरोप
- मतगणना कर्मचारी गुरव के खिलाफ भी एफआईआर
- वायकर के रिश्तेदार मंगेश पांडिलकर को 41ए के तहत नोटिस जारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई. उत्तर-पश्चिम संसदीय क्षेत्र की 4 जून को संपन्न हुई मतगणना के दौरान नेस्को केंद्र के भीतर मोबाइल फोन का उपयोग करने के मामले में मंगेश पांडिलकर नामक शख्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह शिकायत भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार भरत शाह और शिवसेना (उद्धव) के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर ने दायर कराई है। शाह ने इसके अलावा रिटर्निंग अधिकारी से भी इसकी शिकायत की थी। इस मामले में वनराई पुलिस ने मंगेश को 41ए के अंतर्गत नोटिस जारी किया है। मंगेश के अलावा शिकायत में मतगणना कर्मचारी दिनेश गुरव का नाम भी है। मंगेश शिवसेना (शिंदे) के नवनिर्वाचित सांसद रवींद्र वायकर के साले हैं।
मतदान प्रक्रिया के दौरान मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध होता है। आरोप है कि 4 जून को गोरेगांव के नेस्को मैदान में बने मतगणना केंद्र में शिवसेना (शिंदे) के उम्मीदवार रवींद्र वायकर का साला (पत्नी का भाई) पांडिलकर मोबाइल फोन से बात करा रहाथा। कथित तौर पर यह मोबाइल ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के सांथ संलग्न थी। आरोपों के अनुसार जब मतगणना के दौरान ईवीएमअनलॉक की जाती है तो एक कोड संलग्न मोबाइल पर जाता है। जिसे ईवीएम में अंकित करने के बाद ही मशीन खुलती है। एंकोर पोर्टल (चुनाव पोर्टल) पर उस दौरान तैनात चुनाव कर्मचारी दिनेश गुरव के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। इसकी शिकायत भारत शाह और अमोल कीर्तिकर नेकी। इसमें वनराई पुलिस ने पांडिलकर को भारतीय अपराध संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41ए (अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए) के तहत नोटिस जारी किया है।
क्या कहती है पुलिस
वनराई पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रामप्यारे राजभर के अनुसार, मतगणना के दिन मोबाइल फोन लेकर मतगणना केंद्र में जाने वाले रवींद्र वायकर के साले को 41ए के तहत नोटिस दिया गया है। वह जांच में सहयोग कर रहा है। बयान दर्ज किया जा चुका है, इस मामले में कोई वारंट जारी नहीं किया गया है।
कौन हैं वायकर
रवींद्र वायकर शिवसेना (शिंदे) से जोगेश्वरी विधानसभा सीट के विधायक हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उद्धव गुट छोड़ वे शिंदे गुट में शामिल हुए थे। उन्हें शिवसेना (शिंदे) ने मुंबई उत्तर-पश्चिम संसदीय सीट से टिकट दे दिया, जहां उनका मुकाबला शिवसेना (उद्धव) के अमोल कीर्तिकर से था। दोनों के बीच हुए कड़े मुकाबले में वायकर 48 मतों से जीते हैं। शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाने की घोषणा की थी। इसके अलावा अमोल कीर्तिकर ने भी चुनाव आयोग और पुलिस स्टेशन में विभिन्न आरोपों के तहत मामला दर्ज कराया है।
कौन हैं अमोल कीर्तिकर
अमोल कीर्तिकर शिवसेना (उद्धव) के पदाधिकारी हैं और लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर-पश्चिम संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार थे। उनके पिता गजानन कीर्तिकर मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से सांसद थे। लेकिन गजानन पाला बदलते हुए शिवेसना (शिंदे) में चले गए थे। लोकसभा चुनाव 2024 में शिवसेना (शिंदे) ने गजानन को टिकट नहीं दिया, उनके बदले पार्टी ने वायकर को टिकट दिया था।
क्या है मामला
4 जून को लोकसभा चुनाव की मतगणना थी। मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट की मतगणना गोरेगांव के नेस्को मैदान में बने मतगणना केंद्र में हुई। इस दौरान पांडिलकर पर मतगणना केंद्र के भीतर मोबाइल फोन के इस्तेमाल का आरोप लगा है। इस चुनाव में मात्र 48 मतों से पराजित अमोल और हिंदू समाज पार्टी के उम्मीदवार भरत शाह ने मंगेश के खिलाफ शिकायत की है। शाह ने पुलिस के अलावा चुनाव रिटर्निंग अधिकारी से भी शिकायत की थी। वनराई पुलिस अब इस मामले में मतगणना केंद्र के सीसीटीवी फुटेज को खंगालने की तैयारी में है। आरोप है कि शिकायकर्ता ने भी मतगणना के दिन के सीसीटीवी फुटेज की मांग की है, लेकिन वह नहीं दी गई।
वंदना सुर्यवंशी- रिटर्निंग अधिकारी, मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट के मुताबिक मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट की मतगणना पर हुए विवाद में कोई सच्चाई नहीं है। ईवीएम को कोई भी हैक नहीं कर सकता, यह एक स्वतंत्र सिस्टम है। जो मोबाइल वहां मिला उसका मतगणना से कोई लेना देना नहीं है। उसकी हमने तत्काल पुलिस को सूचना दे दी थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है। ईवीएम को अनलॉक करने के लिए कोई ओटीपी नहीं लगता है। हमने खबर चलानेवाले अखबार के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 के तहत मानहानि का केस किया है।
रविंद्र वायकर और अमोल कीर्तिकर के मुद्दे पर सियासी बयानबाजी
रविंद्र वायकर, सांसद, मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट के मुताबिक हार को लेकर अब विपक्ष के लोग सवाल उठा रहे हैं। वहां पर कई लोगों के पास मोबाइल फोन था। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। ईवीएम मोबाइल से कोई भी कैसे हैक कर सकता है।
आदित्य ठाकरे, विधायक, शिवसेना (उद्धव) के मुताबिक चुनाव आयोग इस मामले में सीसीटीवी देने से मना क्यों कर रहा है? ईवीएम को ओटीपी के जरिए खोला गया था। लोकतंत्र की हत्या हुई है। यही कारण है कि हम अदालत जा रहे हैं।
संजय निरुपम, नेता, शिवसेना (शिंदे) के मुताबिक हमारे उम्मीदवार की ओर से कोई फ्रॉड नहीं हुआ है। जिस समय मतगणना चल रही थी वहां पर सभी उम्मीदवार भी मौजूद थे। ऐसे में उद्धव गुट अपनी हार को पचा नहीं पा रहा है। यही कारण है कि इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं।