मंजूरी: मुंबई के मरोल सहित 10 पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों की क्षमता 5 हजार बढ़ेगी
- 10 पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों की क्षमता को 8 हजार 400 से बढ़ाकर 13 हजार 400 करने को मंजूरी
- राज्य सरकार के गृह विभाग ने दी मंजूरी
- प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षणार्थी क्षमता 5 हजार बढ़ सकेगी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने 10 पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों की क्षमता को 8 हजार 400 से बढ़ाकर 13 हजार 400 करने को मंजूरी दी है। इससे मुंबई के मरोल, नागपुर, जालना सहित 10 पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षणार्थी क्षमता 5 हजार बढ़ सकेगी। दो चरणों में प्रत्येक 2 हजार 500 के अनुसार प्रशिक्षणार्थी क्षमता बढ़ाई जाएगी। इससे हर प्रशिक्षण केंद्र में 500-500 प्रशिक्षणार्थी क्षमता बढ़ सकेगी। सोमवार को राज्य के गृह विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके अनुसार पहले चरण में अंधेरी के मरोल स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र के प्रशिक्षणार्थी क्षमता 500 से बढ़ाकर 1 हजार किया जाएगा। नागपुर के प्रशिक्षण केंद्र की क्षमता 1200 से बढ़ाकर 1700 पुणे के नानवीज-दौंड के पुलिस प्रशिक्षण केंद्र की क्षमता 800 से बढ़ाकर 1300, सोलापुर के प्रशिक्षण केंद्र की क्षमता 1200 से बढ़ाकर 1700 और जालना के प्रशिक्षण केंद्र की क्षमता 1200 से बढ़ाकर 1700 की जाएगी। जबकि दूसरे चरण में अकोला के प्रशिक्षण केंद्र की क्षमता 800 से बढ़ाकर 1300, लातूर के बाभूलगांव स्थित प्रशिक्षण केंद्र की क्षमता 900 से बढ़ाकर 1400, धुलिया के प्रशिक्षण केंद्र की क्षमता 600 से बढ़ाकर 1100, सांगली के प्रशिक्षण केंद्र की क्षमता 600 से बढ़ाकर 1100, पुणे के खंडाला के प्रशिक्षण केंद्र की क्षमता 600 से बढ़ाकर 1100 की जाएगी। सरकार का कहना है कि राज्य पुलिस दल में नए पुलिस सिपाही और चालक पुलिस सिपाही पदों के प्रक्षिणण और भर्ती के लिए 2 साल का समय लगता है। इसी दो वर्ष की अवधि में पुलिस सिहाही और पुलिस सिपाही संवर्ग के 12 से 15 हजार पद रिक्त होते हैं। फिलहाल नए पुलिस सिपाही और चालक पुलिस सिपाही पदों के लिए सभी पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में पूरी क्षमता से प्रशिक्षण शुरू है। इस कारण पुलिस अमंलदार (ड्यूटी इंचार्ज) के पदों को प्रशिक्षण देना संभव नहीं है। इसके मद्देनजर नवनियुक्त पुलिस अंमलदार को प्रशिक्षण देने के लिए पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षणार्थी क्षमता बढ़ाने का फैसला लिया गया है।