बॉम्बे हाईकोर्ट: पंचायती चुनाव में उम्मीदवारों द्वारा अवैध निर्माण का करना होगा खुलासा

  • बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को दिया निर्देश
  • एसईसी अदालत में दाखिल किया हलफनामा
  • मनपा एवं नपा के उम्मीदवारों के नामांकन फॉर्म में अवैध निर्माण का कॉलम शामिल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-01 16:20 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को जनहित याचिका पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है, जिसमें महानगर पालिका की तरह ही पंचायत चुनावों के उम्मीदवारों को यह खुलासा करने की मांग की गई है कि क्या उन्होंने स्वयं या पति या पत्नी या आश्रित के माध्यम से अनधिकृत निर्माण किया है। जनहित याचिका में एसईसी से महानगर पालिका और पंचायती चुनाव के उम्मीदवारों के नामांकन फॉर्म में अवैध निर्माण को लेकर एक उचित कॉलम शामिल करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ एस.डॉक्टर की खंडपीठ बुधवार को शांतनु विलास नंदगुडे की ओर से वकील श्रीराम कुलकर्णी और वृषाली कबरे की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। एसईसी की ओर से अदालत में हलफनामा दाखिल किया गया, जिसमें कहा गया है कि महानगर पालिका (मनपा) और नगर पालिका (नपा) का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के नामांकन फॉर्म में अवैध निर्माण के खुलासे का कॉलम शामिल कर लिया गया है। अब उम्मीदवारों के नामांकन भरते समय इस बात का खुलासा करना होगा कि उन्होंने स्वयं या पति या पत्नी या आश्रित ने कोई अवैध निर्माण नहीं किया है। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने 6 सप्ताह में एसईसी से इसको लेकर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की वकील वृषाली कबरे ने अदालत से महानगर पालिका की तरह पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों को भी फार्म भरने के इसी तरह के कॉलम शामिल करने की मांग की। अदालत ने इस पर भी एसईसी से जवाब मांगा है।

जनहित याचिका में कहा गया है कि यदि कोई निर्वाचित नगरसेवक या ग्राम प्रधान ऐसे कृत्यों में लिप्त पाया जाता है, तो उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। ऐसे में निर्वाचित होने से पहले उन्हें फर्म भरने के दौरान ही उम्मीदवार अवैध निर्माण को लेकर अपना खुलासा करता है, तो उसे चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। अदालत ने एसईसी को उसके द्वारा लिए गए निर्णय को लेकर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।

याचिका में शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करते समय संबंधित उम्मीदवारों को यह खुलासा करने के लिए निर्देशित करने की मांग की गयी थी कि क्या वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अवैध या अनधिकृत निर्माण में शामिल हैं। उम्मीदवारों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने आपराधिक इतिहास के बारे में खुलासा करें

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