50 करोड़ का घोटाला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा से मांगा जवाब, हलफनामा दाखिल करें
- 8 जून तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश
- मुंबई समेत राज्य भर के 31 पुलिस स्टेशनों में कंपनी मैत्रेय प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एफआईआर दर्ज
- 45 हजार निवेशकों से 50 करोड़ के मैत्रेय घोटाले का मामला
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य भर में हजारों निवेशकों से 50 करोड़ रुपए से अधिक के मैत्रेय घोटाले के मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) से जवाब मांगा है। अदालत ने ईओडब्ल्यू को 8 जून तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। मैत्रेय घोटाले के मुख्य आरोपियों मंत से एक विजय शंकर तावरे ने अपनी याचिका में अदालत से राज्य भर के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज सभी एफआईआर की एक साथ जांच करने की मांग की गयी है। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ के समक्ष पालघर के निवासी विजय शंकर तावरे की याचिका पर सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि मैत्रेय ग्रुप की कंपनियों के कथित घोटाले के खिलाफ मुंबई समेत राज्य भर के 31 पुलिस स्टेशनों में एफआईआर दर्ज की गई है। ऐसे ही एक मामले की जांच मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) कर रही है। ईओडब्ल्यू को सारे पुलिस स्टेशनों के मामले की जांच सौंपी जाए, जिससे मामले की जांच जल्द पूरी हो सके। खंडपीठ ने ईओडब्ल्यू से पूछा है कि क्या वह सभी 31 पुलिस स्टेशनों में दर्ज मामले की एक साथ जांच कर सकते हैं? इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को 8 जून तक हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का निर्देश दिया है।
मैत्रेय ग्रुप की कंपनियों ने मुंबई, ठाणे, पुणे, नाशिक, नागपुर, वर्धा, बीड और अकोला समेत राज्य भर में लोगों को निवेश करने पर 11 फीसदी ब्याज देने का लालच देकर करोड़ों रुपए इकट्ठा किए। सन 2018 में मैत्रेय कंपनियों का दिवाला निकलने की बात सामने आयी, जिससे निवेशकों में हड़कंप मच गया। इसके बाद निवेशकों ने विभिन्न पुलिस स्टेशनों में मैत्रेय सर्विसेज, मैत्रेय प्लाटर्स एंड स्ट्रक्चर्स, मैत्री रियल्टर्स एंड कन्स्ट्रक्शन और मैत्रेय सुवर्णसिद्धी प्राइवेट लिमिटेड समेत अन्य कंपनियों के प्रमोटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। इन कंपनियों ने फर्जी स्कीम का शिकार करीब 45 हजार निवेशकों से 70 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की गई है। मैत्रेय घोटाले की सबसे अधिक शिकार महिलाएं हुई है।