वायु प्रदूषण का मामला: बॉम्बे हाई कोर्ट का दिवाली तक निर्माण कार्य रोकने का निर्देश
- पटाखे फोड़ने की समय-सीमा शाम 7 बजे से रात 10 बजे तय की
- दिवाली तक निर्माण कार्य रोकने का निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट ने अच्छी वायु गुणवत्ता बनाए रखने के लिए मुंबई में दीपावली तक सभी निर्माण बंद करने का आदेश दिया। साथ ही अदालत ने पटाखे फोड़ने की समय सीमा भी तय की। अदालत ने राज्य सरकार के सभी विभागों के सचिवों, मुंबई के सभी वार्डों के सहायक आयुक्त (वार्ड आफिसर) और सभी महानगर पालिका के आयुक्तों के हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति जी.एस.कुलकर्णी की खंडपीठ ने सोमवार को कहा कि विकास कार्यों से ज्यादा महत्वपूर्ण लोगों की जान है। अगर कुछ दिनों के लिए निर्माण बंद कर दिया जाए, तो स्वर्ग नहीं गिर जाएगा। इस निर्णय का उद्देश्य वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाना और शहर में वायु गुणवत्ता में सुधार करना है। खंडपीठ ने राज्य को वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार के लिए कदम उठाने का अल्टीमेटम जारी किया है। अगर अगली सुनवाई तक ये उपाय प्रभावी नहीं हुए, तो अदालत मुंबई में निर्माण सामग्री के परिवहन पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकता है। साथ ही अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि पटाखे केवल शाम 7 बजे और रात 10 बजे के बीच ही फोड़े जाएंगे। इससे वायु प्रदूषण में उनके योगदान को सीमित करना है। मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय ने टिप्पणी की कि हम इसे शुक्रवार तक रोकने का प्रस्ताव करते हैं। देखते हैं कि क्या इससे कोई फर्क पड़ता है। यदि ऐसा होता है, तो हम इसे जारी रखेंगे या फिर पूर्ण अनुपालन की अनुमति देंगे।"
निर्माण सामग्री के परिवहन के संबंध में अदालत ने कहा कि जहां तक निर्माण सामग्री के परिवहन का सवाल है, शुक्रवार तक कुछ भी नहीं है। यह निर्णय मुंबई में बढ़ते वायु प्रदूषण की समस्या की प्रतिक्रिया के रूप में आया है।
एक सर्वेक्षण से पता चला है कि मुंबई में 78 प्रतिशत परिवारों ने कम से कम एक सदस्य को वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों से पीड़ित होने की सूचना दी है, जबकि 44 प्रतिशत ने आंखों में जलन का अनुभव किया है। वायु प्रदूषण के मुद्दे में निर्माण स्थलों और वाहनों के उत्सर्जन को प्राथमिक योगदानकर्ताओं के रूप में पहचाना गया।
मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की ओर से कहा कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें एंटी-स्मॉग गन, निर्माण स्थलों पर स्प्रिंकलर और प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए विशेष दस्ते तैनात करना शामिल है।, इसके अतिरिक्त बीएमसी ने पुनर्चक्रित पानी से शहर की 650 किलोमीटर लंबी प्रमुख सड़कों की दैनिक सफाई शुरू की है।
विशेषज्ञों ने नोट किया है कि मानसून के मौसम की समाप्ति और अक्टूबर में सर्दियों की शुरुआत के बाद से मुंबई की वायु गुणवत्ता चिंताजनक स्थिति में है। नागपुर, पुणे, औरंगाबाद और नासिक सहित महाराष्ट्र के अन्य शहरों में भी खराब वायु गुणवत्ता की सूचना मिली है, जो राज्य में समग्र वायु प्रदूषण की समस्या में योगदान दे रही है। अदालत ने सरकार को वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने का भी निर्देश दिया है।