अदालत: बॉम्बे हाईकोर्ट ने 25 सप्ताह का गर्भवती किशोरी को गर्भपात की दी अनुमति
- 19 वर्षीय किशोरी को 25 सप्ताह का गर्भ
- किशोरी को मिली गर्भ को गिराने की अनुमति
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक 19 वर्षीय किशोरी को 25 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति दी। किशोरी ने अपनी याचिका में गंभीर मनोवैज्ञानिक प्रभाव और सामाजिक कलंक का हवाला देते हुए गर्भपात कराने का अनुरोध किया था।
न्यायमूर्ति एन.आर.बोरकर और न्यायमूर्ति सोमशेखर सुंदरेसन की खंडपीठ ने किशोरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अपने शरीर के बारे में स्वायत्त विकल्प बनाने और चिकित्सकीय रूप से गर्भपात का विकल्प चुनने के रूप में इसका प्रयोग करने का उसका संप्रभु अधिकार स्वीकार्य है।
27 मई को दायर याचिका में किशोरी ने 25 सप्ताह के गर्भ को गिराने का अनुरोध किया था। महिला ने कहा कि वह निम्न आय वर्ग से है और गर्भावस्था के गंभीर मनोवैज्ञानिक प्रभाव और सामाजिक कलंक के कारण गर्भावस्था को समाप्त करना चाहती है।खंडपीठ ने कहा कि उसकी मेडिकल रिपोर्ट में भ्रूण में कोई असामान्यता नहीं पाई गई। उसने उसके भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य पर विचार नहीं किया।
ससून अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने याचिकाकर्ता की जांच कर अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें कहा गया कि महिला की वर्तमान मनोवैज्ञानिक स्थिति, सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक स्थितियों को देखते हुए गर्भावस्था को जारी रखने से उसे गंभीर मनोवैज्ञानिक क्षति हो सकती है। खंडपीठ ने कहा कि मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के निष्कर्ष अनिवार्य रूप से यह हैं कि यदि गर्भावस्था को जारी रखा जाता है, तो उसे गंभीर मनोवैज्ञानिक क्षति होगी।