सातारा: फूलों की घाटी देखकर प्रभावित हुई बीएनएचएस की टीम
- किशोर रिठे नियुक्त बीएनएचएस के निदेशक
- सातारा में फूलों की घाटी
- प्रभावित हुई बीएनएचएस की टीम
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी (बीएनएचएस) की टीम ने हाल ही में महाराष्ट्र के सातारा में स्थित कास पठार का दौरा किया। टीम के सदस्य वहां के संरक्षण के लिए उठाए जाने वाले कदमों से काफी प्रभावित दिखे। टीम के सदस्य आसिफ खान ने बताया कि, हम वहां 16 और 17 सितंबर को रहे। यहां स्वर्ग जैसा अनुभव हो रहा था। हमने यहां 850 से ज्यादा फूलों और पौधों की प्रजातियां देखी। कास का पठार कैलिडोस्कोप में रुपांतरित हो गया था। गोरेगांव स्थित बीएनएचएस संवर्धन शिक्षा केंद्र की शिक्षा अधिकारी किरण तुम्मा की अगुआई में बीएनएचएस की टीम कास पठार के दौरे पर गई थी। सदस्यों ने वहां बाल्सम फूलों का गुलाबी गलीचे के साथ इंडियन सनड्यू, ब्लैडरवॉर्ट जैसी मांसाहारी वनस्पतियां भी देखीं,जो छोटे छोटे कीट पतंगों को खाते हैं। सदस्यों ने कास पठार ऑफ फ्लॉवर्स के लेखक और पर्यावरणविद संदीप श्रोत्री से मुलाकात की। यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल को सहेजने के उनके प्रयासों की सराहना की।
किशोर रिठे नियुक्त किए गए बीएनएचएस के निदेशक
विदर्भ के किशोर रिठे को बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी का निदेशक नियुक्त किया गया है। 140 साल पुरानी बीएनएचएस से किशोर रिठे पहली बार साल 2004-05 में जुड़े थे। साल 2022 में उन्हें मानद सचिव के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई। इसी साल मार्च महीने में उन्हें निदेशक पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। अब उन्हें पूर्णकालिक जिम्मेदारी सौंप दी गई है। रिठे की नियुक्ति पर विदर्भ की कई संस्थाओं ने उन्हें बधाई दी है।