खींचतान: ठेका भर्ती पर भाजपा और विपक्ष आमने-सामने, राज्य भर में किया आंदोलन

  • विपक्ष बोला- शिंदे और अजित से माफी मांगने के लिए कहे भाजपा
  • ठेका भर्ती पर भाजपा और विपक्ष आमने-सामने

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-21 14:31 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार के ठेका भर्ती के बीते 6 सितंबर के शासनादेश (जीआर) रद्द करने के फैसले को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष आमने-सामने नजर आ गया है। शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ठेका भर्ती के लिए 9 कंपनियों के नियुक्ति के शासनादेश को रद्द करने की घोषणा की थी। लेकिन शनिवार को भाजपा ने ठेका भर्ती के फैसले के लिए पूर्व की ठाकरे सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मुंबई सहित राज्य भर में नाक रगड़ो आंदोलन किया। मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार, भाजपा विधायक प्रवीण दरेकर समेत कई नेताओं और पदाधिकारियों ने शहर भर में विरोध प्रदर्शन किया। इसके जवाब में कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को जनता से माफी मांगने के लिए कहना चाहिए। महाविकास आघाड़ी के नेताओं ने सफाई देते हुए है कि तत्कालीन ठाकरे सरकार ने महत्वपूर्ण सरकारी पदों को ठेके के जरिए भर्ती करने का फैसला नहीं लिया था। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने दावा करते हुए कहा कि ठेका भर्ती का फैसला तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लिया था। लेकिन अब महाविकास आघाड़ी ठेका भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों को भ्रमित कर रही है। इसलिए भाजपा को आंदोलन करने की नौबत आई है।

इसके जवाब में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि भाजपा और उपमुख्यमंत्री फडणवीस को आंदोलन की नौटंकी बंद करनी चाहिए। भाजपा को आंदोलन करने के बजाय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से माफी मांगने के लिए कहना चाहिए। क्योंकि भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि शिंदे और अजित तत्कालीन ठाकरे सरकार में शामिल थे। पटोले ने कहा कि भाजपा ने महाविकास आघाड़ी सरकार को गिराने का पाप किया है। भाजपा ने इतना पाप किया है कि फडणवीस और बावनकुले राज्य की 12 करोड़ जनता से नाक रगड़ कर भी माफी मांग लें, तो भी उनके पाप नहीं मिटेंगे। वहीं राकांपा (शरद) के सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि अभ्यर्थियों के दबाव में ठेका भर्ती का शासनादेश रद्द किया है। फडणवीस ने ठेका भर्ती के लिए पूर्व की आघाड़ी और महाविकास आघाड़ी के मुख्यमंत्रियों पर जिम्मेदार ठहराया है। लेकिन फडणवीस साल 2014 से 2019 के फुल टाइम मुख्यमंत्री रह चुके हैं। फिलहाल वे पार्टी टाइम उपमुख्यमंत्री हैं।


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