अदालत: बॉम्बे हाईकोर्ट से साल 2010 के एसिड अटैक से तीन पीड़ितों को मिली बड़ी राहत
- अदालत ने पीड़ितों को सीमा अवधि समाप्त होने के बावजूद मुआवजा मांगने की दी अनुमति
- एसिड अटैक से तीन पीड़ितों को राहत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट से 2010 के एसिड अटैक की शिकार तीन महिला पीड़ितों समेत यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों से प्रभावितों को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उन्हें महाराष्ट्र पीड़ित मुआवजा योजना 2022 में प्रदान की गई तीन साल की सीमा अवधि के समाप्त होने के बावजूद मुआवजे की मांग करने की अनुमति दी है। न्यायमूर्ति ए.एस.चांदूरकर और न्यायमूर्ति जितेंद्र जैन की खंडपीठ के समक्ष एसिड अटैक की शिकार तीन महिला पीड़ितों की ओर वकील कन्हैया यादव और वकील अखिलेश यादव की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने कहा कि हम वर्तमान मामले को इस कारण से योग्य मानते हैं, क्योंकि एसिड हमले का शिकार होने के बाद याचिकाकर्ताओं को मुआवजा देने के मामले में न्यायालय से संपर्क करने की आवश्यकता थी। याचिका के लंबित रहने के दौरान 2022 की योजना लागू की गई। इसलिए हम पाते हैं कि याचिकाकर्ताओं को 2022 की योजना के अनुसार मुआवजे की मांग के लिए आवेदन करने की अनुमति दी जा सकती है।
तीन पीड़ितों पर 4 अक्टूबर 2010 को एसिड हमला किया गया था। उन्होंने मुआवजे की मांग करते हुए 2016 में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि उन्हें लंबे समय तक चिकित्सा और सर्जिकल उपचार कराने की आवश्यकता थी, जिस पर काफी खर्च करना होगा। 2017 से याचिकाकर्ताओं को पांच लाख रुपए के दिए गए अंतरिम मुआवजा लंबित था। 2022 की पीड़ित मुआवजा योजना के तहत यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों के पीड़ितों को मुआवजा निर्धारित और वितरित किया जाना है।
मुआवजे के निर्धारण और वितरण को सक्षम करने के लिए महाराष्ट्र कानूनी सेवा प्राधिकरण और जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण को नोडल एजेंसियों के रूप में नियुक्त किया गया है। योजना का खंड-16 मुआवजे का दावा करने के लिए अपराध घटित होने या मुकदमे के समापन की तारीख से तीन साल की सीमा अवधि प्रदान करता है। वर्तमान मामले में घटना 4 अक्टूबर 2010 को हुई थी और मुकदमा 2015 में समाप्त हुआ था। इस प्रकार याचिकाकर्ताओं ने निर्देश मांगा कि उनके दावों पर बिना किसी सीमा और प्रतिबंध के विचार किया जाना चाहिए।
अदालत ने याचिकाकर्ताओं के मामले को योग्य पाया और उन्हें निर्धारित सीमा अवधि समाप्त होने के बावजूद 2022 योजना के तहत मुआवजे के लिए आवेदन करने की अनुमति दी। अदालत ने निर्देश दिया कि यदि याचिकाकर्ता चार सप्ताह के भीतर योजना के तहत मुआवजे की मांग करती हैं, तो उनके आवेदन पर उसकी योग्यता के आधार पर और कानून के अनुसार विचार किया जाना चाहिए। अदालत ने याचिका में उठाए गए मुआवजे की मांग के सभी आधारों को खुला रखते हुए याचिका का निपटारा कर दिया