हाईकोर्ट: चंदा कोचर को बड़ी राहत, गिरफ्तारी अवैध घोषित - अंतरिम जमानत आदेश की पुष्टि
- चंदा कोचर को अंतरिम जमानत आदेश की पुष्टि
- चंदा कोचर और उनके पति की सीबीआई गिरफ्तारी अवैध घोषित
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट से मंगलवार आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ)चंदा कोचर और उनके पति दीपक को बड़ी राहत मिली। अदालत ने उनकी सीबीआई की गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर दिया और कोचर दंपत्ति की रिहाई के अंतरिम आदेश की पुष्टि की।न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई और न्यायमूर्ति एन.आर.बोरकर की खंडपीठ ने मंगलवार को चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की याचिका पर उनकी सीबीआई गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर दिया। खंडपीठ ने दिसंबर 2023 में गिरफ्तारी के लिए सीबीआई के दावे को खारिज कर दिया, जिसमें असहयोग और मामले के सही तथ्यों का खुलासा न करना शामिल था। खंडपीठ ने माना कि कोई आरोपी ने अपना आरोप कबूल नहीं करता है, यह नहीं कहा जा सकता है कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं किया है।
हाई कोर्ट के जमानत देने के अंतरिम आदेश के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले पर हाई कोर्ट के समक्ष बहस करने का निर्देश दिया था। सुनवाई के दौरान कोचर की ओर से वरिष्ठ वकील अमित देसाई ने कहा था कि उन्हें जुलाई 2022 तक तलब नहीं किया गया था। एक बार बुलाए जाने के बाद वह पेश हुईं। जब उन्हें दूसरी बार 15 दिसंबर 2022 को समन जारी किया गया, तो वह 23 दिसंबर 2022 को पेश हुईं थी। सीबीआई ने पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। सीबीआई की ओर से पेश हुए वकील कुलदीप पाटिल ने कोचर दंपति की याचिका का विरोध किया था।
खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित लिया था। साल 2012 में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ का कर्ज दिया था. इसमें चंदा के पति दीपक कोचर की 50 फीसदी हिस्सेदारी थी। चंदा कोचर पर पद का दुरुपयोग कर वीडियोकॉन ग्रुप को अधिक कर्ज दिलाने का आरोप है