मुंबई मनपा: बड़ी लापरवाही - स्कूली छात्रों से जबरन कराया जा रहा है मराठा सर्वेक्षण
- मुंबई में पिछले कई दिनों से कुणबी-मराठाओं का सर्वेक्षण जारी
- सर्वेक्षण के दौरान कानून को ठेंगा दिखाते हुई तस्वीरें
- दो बच्चों को लेकर गोरेगांव की एक सोसाइटी में मराठा सर्वेक्षण करने के लिए पहुंची
डिजिटल डेस्क, मुंबई, सोमदत्त शर्मा। आरक्षण के लिए मराठा समुदाय की पात्रता सुनिश्चित करने के लिए मुंबई में पिछले कई दिनों से कुणबी-मराठाओं का सर्वेक्षण जारी है। जिसमें मुंबई महानगरपालिका (मनपा) के कर्मचारियों के साथ-साथ स्कूलों के अध्यापकों को भी सर्वेक्षण करने के कार्य में लगाया गया है। सर्वेक्षण के दौरान कानून को ठेंगा दिखाते हुई तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें मनपा स्कूलों के अध्यापक छात्रों से मराठा सर्वेक्षण करा रहे हैं। मुंबई के गोरेगांव के मुंबई पब्लिक स्कूल (एमपीएस) की एक अध्यापिका छात्रों को लेकर घर-घर कुणबी समाज का सर्वेक्षण कर रहीं हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि मनपा स्कूलों के अध्यापक आखिरकार छात्रों से सर्वेक्षण किसके कहने पर करा रहे हैं। हालांकि मनपा के शिक्षा अधिकारियों ने इस तरह की किसी भी जानकारी से इनकार किया है और छात्रों से सर्वे करा रही अध्यापिका पर कार्रवाई की बात कही है।
एमपीएस गोरेगांव (पूर्व) की एक अध्यापिका स्कूल के ही दो बच्चों को लेकर गोरेगांव की एक सोसाइटी में मराठा सर्वेक्षण करने के लिए पहुंची। अध्यापिका ने जब सर्वेक्षण शुरू किया तो सर्वेक्षण के दौरान पूछे गए सवालों के जवाब उनके साथ आए छात्र मोबाइल में अपडेट करते हुए दिखाई दिए। अध्यापिका से लोगों ने जब पूछा गया कि पढ़ाई कर रहे नाबालिग छात्रों से यह सर्वेक्षण का कार्य क्यों कराया जा रहा है, तो उन्होंने जवाब दिया कि सवालों की संख्या सर्वे में ज्यादा है और एक सर्वे करने में उन्हें ज्यादा समय लग रह रहा है। इसलिए वह छठवीं और सातवीं के दो विद्यार्थियों को लेकर घूम रही हैं। ये बच्चे मोबाइल चलाने में तेज तर्रार हैं, इसलिए जानकारी एप में जल्दी अपडेट कर लेते हैं। छात्रों का इस्तेमाल सर्वेक्षण में करने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि पढ़ाई के समय में अध्यापक उनका इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं?
छात्रों से मराठा आरक्षण के लिए सर्वे कराने पर मनपा के शिक्षण अधिकारी राजेश कंकाल का कहना है कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। राजेश ने कहा कि छात्रों से सर्वेक्षण नहीं कराना चाहिए। हम इस मामले की जांच करेंगे और दोषी पाए जाने पर संबंधित अध्यापकों पर कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि इस सर्वेक्षण के चलते मनपा के संचालन पर भारी असर पड़ा है, क्योंकि इसके एक तिहाई से अधिक कर्मचारी यानि 92 हजार कर्मचारियों में से लगभग 30 हजार कर्मचारियों को मुंबई में 23 से 31 जनवरी के बीच मराठा सर्वेक्षण करने के लिए तैनात किया गया है। मनपा के जिन कर्मचारियों को सर्वेक्षण की जिम्मेदारी दी गई है उसमें ज्यादातर स्कूलों के अध्यापक हैं।