भुजबल ने कहा - प्रधानमंत्री से ओबीसी जातिगत जनगणना कराने की मांग करेंगे
- विस चुनाव से पहले मंत्री भुजबल का नया दांव
- जातिगत जनगणना से ओबीसी की स्थिति आएगी सामने
डिजिटल डेस्क, मुंबई. राकांपा (अजित) के वरिष्ठ नेता तथा राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ओबीसी के जातिगत जनगणना की दोबारा वकालत की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर ओबीसी की जातिगत जनगणना कराने की मांग की जाएगी। लोकसभा चुनाव में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा को बड़ा झटका लगा है। इस बीच भुजबल के ओबीसी जातिगत जनगणना कराने की मांग को लेकर राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। सोमवार को भुजबल ने बांद्रा मेंअखिल भारतीय महात्मा फुले समता परिषद के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें लोकसभा चुनाव परिणाम को लेकर समीक्षा हुई।
भुजबल ने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर जातिगत गणना कराने के बजाय केंद्र सरकार को अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) की जातिगत जनगणना करानी चाहिए। यदि जातिगत जनगणना हुई तो ओबीसी की वास्तविक स्थिति सामने आएगी। केंद्र सरकार से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए मिलने वाली निधि के समान धनराशि ओबीसी के विकास के लिए मिल सकेगी। भुजबल ने कहा कि एनडीए के सहयोगी तथाबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने प्रदेश में जातिवार गणना करा चुके हैं।राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाला है, यदि ओबीसी जनगणना कराने का फैसला होता है तो चुनाव में सत्तारूढ़ दलों को इसका फायदा हो सकता है। भुजबल ने बताया कि अगले एक सप्ताह में समता परिषद की राज्यस्तरीय बैठक होगी। इससे पहले भुजबल ने राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवारी नहीं मिलने को लेकर नाराजगी जताई थी।
अनशन खत्म करने का आग्रह
भुजबल ने कहा कि मैंने जालना में मराठा समाज को ओबीसी कोटे सेआरक्षण न देने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे लक्ष्मण हाके और नवनाथ वाघमारे से चर्चा की है। मैंने उनसे अनशन खत्म करने का आग्रह किया है। भुजबल ने कहा कि मैंने सरकार के मराठा समाज के सगे- संबंधियों को कुणबी जाति प्रमाणपत्र देने के बारे में जारी अधिसूचना का अध्ययन करने का आश्वासन दिया है। यदि अधिसूचना से ओबीसी पर अन्याय होता होगा तो मैं खुद आंदोलन के लिए सड़क पर उतरूंगा।