आदिवासी बोहडा नृत्य के साथ भंडारदरा पर्यटन उत्सव का हुआ समापन
- भंडारदरा पर्यटन उत्सव
- हुआ समापन
डिजिटल डेस्क, मुंबई. भंडारदरा के रमणीय स्थल पर पिछले पांच दिनों से चल रहे वर्षा पर्यटन महोत्सव का बुधवार को आदिवासी बोहड़ा नृत्य के साथ भव्य समापन हो गया। पर्यटन निदेशक डॉ. बी एन पाटिल ने बताया कि इन पांच दिनों के दौरान पर्यटकों ने सुंदर क्षेत्र का दौरा किया और आदिवासी पारंपरिक लोक कलाओं का आनंद लिया। राज्य पर्यटन विभाग द्वारा पिछले पांच दिनों से अहमदनगर जिले के अकोले तालुका के भंडारदरा और घाटघर के खूबसूरत इलाके में वर्षा पर्यटन महोत्सव का आयोजन किया गया था। पहले दो दिनों में स्थानीय कलाकारों द्वारा जनजातीय नृत्य के साथ-साथ बांस पेंटिंग और जनजातीय वर्ली पेंटिंग पर कार्यशालाओं को पर्यटकों ने खूब सराहा। साथ ही, विदेशों से व्यवसायियों और प्रभावशाली लोगों की उपस्थिति इस पर्यटन महोत्सव के लिए एक बड़ा रोमांचक अनुभव था। आदिवासी लोक कला से मंत्रमुग्ध हुए इन व्यवसायियों ने आश्वासन दिया कि वे इस क्षेत्र में पर्यटन के विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे।
पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक सुशील पवार ने बताया कि पर्यटन उत्सव के चौथे दिन पर्यटकों ने महाराष्ट्र की सबसे ऊंची चोटी कलसुबाई की यात्रा का भी आनंद लिया। बेहद धुंध भरे बरसाती मौसम में इस स्थान तक की गई पदयात्रा ने पर्यटन उत्सव में भाग लेने वाले पर्यटकों और अन्य उपस्थित लोगों की खुशी को दोगुना कर दिया। पर्यटन उत्सव के आखिरी दिन, घाटघर कोंकणकड़ा में महिलाओं की फुगड़ी के साथ बोहड़ा नामक एक बहुत लोकप्रिय आदिवासी नृत्य का प्रदर्शन किया गया। बड़ी संख्या में आये पर्यटकों ने इन नृत्य विधाओं पर जोरदार प्रतिक्रिया व्यक्त की। अमृत महोत्सव स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अरनी साइक्लिंग ग्रुप यवतमाल द्वारा देशभक्ति गीतों पर आधारित नृत्य एवं पर्यटकों द्वारा जुम्बा नृत्य प्रस्तुत किया गया। भंडारदरा शेंडी और घाटघर क्षेत्र में पिछले पांच दिनों से पर्यटन विभाग के माध्यम से इस पर्यटन उत्सव में कई गतिविधियां क्रियान्वित की गई हैं। अखिल बुधवार को पर्यटन विभाग के आला अधिकारी पवार के उपस्थिती मे महोत्सव का शानदार समापन हुआ.