गोविंद पानसरे हत्याकांड: एटीएस ने कोर्ट को सौंपी कांफिडेंशियल जांच रिपोर्ट, परिवार ने आरोपियों को पकड़ने दी थी जानकारी
- शिवाजी पर लिखी किताब को बताया हत्या की वजह
- पानसरे परिवार द्वारा आरोपियों को पकड़ने के लिए अदालत को सौंपी थी अतिरिक्त जानकारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने बुधवार को गोविंद पानसरे हत्या मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट में कांफिडेंशियल जांच रिपोर्ट पेश की। अदालत ने पाया कि एटीएस को मामले की जांच में अहम जानकारी मिली है। उसके आधार पर आरोपियों तक पहुंचा जा सकता है। पिछले दिनों पानसरे परिवार द्वारा पानसरे हत्या मामले में अतिरिक्त जानकारी दी थी।
अदालत ने एटीएस को इसकी जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को गोविंद पानसरे के परिवार की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान एटीएस के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मिना पेश हुए। उन्होंने खंडपीठ को कांफिडेंसियल जांच रिपोर्ट सौंपा।
खंडपीठ ने पाया कि एटीएस की जांच प्रगति पर है। मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद रखी गई है।
पिछले दिनों पानसरे परिवार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अभय नेवागी ने कहा था कि पानसरे को "शिवाजी कौन होता (शिवाजी कौन थे)’ पुस्तक लिखने के लिए निशाना बनाया गया था? शिवाजी पर लिखी किताब में कहा गया था कि एक हिंदू राजा, लेकिन वह कभी हिंदू राष्ट्र नहीं चाहता था।
पानसरे हत्या मामले में 12 आरोपियों पर फिलहाल मुकदमा चल रहा है और दो आरोपियों को अभी भी जांचकर्ताओं द्वारा वांटेड घोषित किया है। मुकदमा चल रहा है। अब तक 22 गवाह अदालत में गवाही दे चुके हैं। 16 फरवरी 2015 को पानसरे को कोल्हापुर में गोली मार दी गई थी और चार दिन बाद ही 20 फरवरी को उनकी मौत हो गई।