कांग्रेस के बचाव में पवार: विधानसभा चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाईं, इंडिया गठबंधन में बढ़ेगा क्षेत्रीय दलों का दबदबा
- कांग्रेस के बचाव में पवार
- सहयोगी दलों को साधना होगी चुनौती
- ‘इंडिया’ गठबंधन में बढ़ेगा क्षेत्रीय दलों का दबदबा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, अजीत कुमार। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता का सेमी फाइनल माने जा रहे विधानसभा चुनाव के नतीजों ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया है। दरअसल विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर कांग्रेस इंडिया गठबंधन को अपने हिसाब से नेतृत्व देने की योजना बनाई थी। लेकिन हिंदी हार्टलैंड के तीन महत्वपूर्ण राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मिली करारी हार ने उसकी राह मुश्किल कर दी है। माना जा रहा है कि इस हार के बाद विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस की न केवल स्वीकार्यता कम होगी बल्कि गठबंधन का नेतृत्व करने संबंधी उसके दावे पर भी सवाल उठेगा।
सहयोगी दलों को साधना होगी चुनौती
इस हार से विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस की भूमिका पहले से सीमित होगी तो वहीं क्षेत्रीय दलों की तोलमोल की क्षमता बढ़ने के आसार हैं। बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जैसे इंडिया गठबंधन में शामिल क्षेत्रीय क्षत्रप कांग्रेस के ‘रवैए’ पर पहले ही सवाल उठा चुके हैं। मध्यप्रदेश चुनाव में सीट नहीं मिलने से खफा अखिलेश यादव ने तो कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश में सबक सिखाने की बात तक कह चुके हैं। सपा प्रवक्ता घनश्याम तिवारी कहते हैं कि दिल्ली में 6 दिसंबर को होने वाली गठबंधन की अगली बैठक में सीट बंटवारे सहित कई मसलों पर बातचीत होगी।
नीतीश कुमार की बढ़ेगी भूमिका!
इंडिया गठबंधन की पटना बैठक के बाद कांग्रेस ने जिस तरह गठबंधन को अपने हिसाब से चलाने की कोशिश की है, उससे सहयोगी दलों में पहले से नाराजगी है। खासकर इंडिया गठबंधन के सूत्रधार रहे नीतीश कुमार अपनी भूमिका सीमित होने से असहज हैं। लेकिन मौजूदा परिस्थिति में नीतीश कुमार की भूमिका बढ़ने की उम्मीद है। जदयू नेता निखिल मंडल ने तो यह मांग भी कर दी है कि इंडिया गठबंधन को अब नीतीश कुमार के मुताबिक चलना चाहिए। सूत्रों की मानें तो जदयू अब नीतीश को गठबंधन का संयोजक बनाने का दबाव बढ़ाएगा। राजनीतिक विश्लेषक आनंद व्यास कहते हैं कि कांग्रेस को अब आम चुनाव में उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली और पंजाब में सीट बंटवारे के वक्त क्षेत्रीय दलों का दबाव झेलना पड़ेगा।
कांग्रेस के बचाव में आए पवार
हालांकि राकांपा सुप्रीमों शरद पवार ने कहा है कि चार राज्यों में विधानसभा चुनावों के नतीजों का इंडिया गठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन सियासी जानकारों की राय पवार के बयान से इतर है।