महाराष्ट्र में दलहन बुआई का क्षेत्र घटा, कपास के रकबे में मामूली बढ़त

  • महाराष्ट्र में दलहन बुआई का क्षेत्र घटा
  • मानसून की दगाबाजी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-01 13:57 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. चालू वर्ष के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून की आंख मिचौली के कारण बारिश न केवल कम हुई है बल्कि इसकी हालत अनिश्चित और अनियमित भी रही जिसका असर फसलों की बुआई पर हुआ है। देश में प्रमुख दलहन उत्पादक राज्यों में शुमार महाराष्ट्र में दलहन फसल का रकबा 2.69 लाख हेक्टेयर घटा है। वहीं,कपास की बात करें तो राज्य में इस साल इसके बुआई क्षेत्र में 0.06 लाख हेक्टेयर की बढोतरी दर्ज हुई है।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी ताजा आंकड़ों पर गौर करे तो देश में कपास के बुआई क्षेत्र में 2.65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र घटा है। पिछले साल यानी 2022 में कपास की बुआई का क्षेत्र 125.63 लाख हेक्टेयर था जो 2023 में लुढकर 122.99 लाख हेक्टेयर रह गया है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित पांच राज्यों में कपास के बुआई क्षेत्र में सुधार देखा गया है। इसी तरह देश में दलहन का बुआई क्षेत्र पिछले साल 130.13 लाख हेक्टेयर था जो इस साल घटकर 119.09 लाख हेक्टेयर रह गया है। महाराष्ट्र में पिछले साल के मुकाबले चालू वर्ष के दौरान दलहन का उत्पादन क्षेत्र 2.69 लाख हेक्टेयर घट गया है।

दक्षिण-पश्चिम मानसून की हालत महाराष्ट्र में इस बार कमजोर रही है। बारिश देर से तथा कम होने के कारण इसका लगभग सभी प्रमुख खरीफ फसलों की बुआई में देर हो गई और इसका रकबा गत वर्ष के मुकाबले पीछे रह गया। मौसम विभाग का अनुमान है कि इसी सप्ताह के अंत तक दक्षिण-पश्चिम मानसून फिर सक्रिय हो सकता है। इससे देश के मध्य एवं दक्षिणी हिस्सों में वर्षा का एक और दौर शुरू होगा। लेकिन अब बुआई का समय लगभग समाप्त हो चुका है। ऐसे में मानसून भले ही फिर से सक्रिय हो, लेकिन रकबे के क्षेत्रफल में अब ज्यादा सुधार आने की गुंजाइश कम है।

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