पुणे लॉ स्टूडेंट का मामला: प्रोफेसर द्वारा उत्तर पुस्तिका फाड़ने के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
- पुणे के लॉ स्टूडेंट ने डी.वाई.पाटिल लॉ कॉलेज के प्रोफेसर के खिलाफ लगाई अर्जी
- अदालत ने कॉलेज और प्रोफेसर को जारी किया नोटिस
- सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने का आदेश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुणे के डीवाई पाटिल लॉ कॉलेज और एक प्रोफेसर के खिलाफ एक लॉ के छात्र ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। छात्रा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि प्रोफेसर ने परीक्षा के दौरान उसकी उत्तर पुस्तिका फाड़ दी थी और साथ ही उसके खिलाफ कार्यवाही शुरू की गई है।
न्यायमूर्ति ए.एस.चंदुरकर और न्यायमूर्ति राजेश एस.पाटिल की पीठ ने छात्र की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। पीठ ने पुणे के डी.वाई.पाटिल लॉ कॉलेज और उसके एक प्रोफेसर को नोटिस जारी किया है और उसे संबंधित सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने का आदेश दिया। छात्र द्वारा याचिका में उसके खिलाफ दर्ज रिपोर्ट को खारिज कराने, उसकी शिकायतों को तेजी से दूर करने के लिए एक उचित निवारण समिति का गठन करने और याचिका के निपटारे तक कॉलेज में उपस्थित रहने का अनुरोध किया गया है।
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि 8 जून को उसने अपनी परीक्षाओं के लिए अतिरिक्त शीट का अनुरोध करते हुए विश्वविद्यालय और कॉलेज को एक ईमेल भेजा था, क्योंकि मानक 36 पृष्ठ उसके लिए अपर्याप्त थे। आरोप है कि 11 जून को उसकी परीक्षा के दौरान सहायक प्रोफेसर नशे में थे और उसके ईमेल के बारे में ताना मारा और उसकी उत्तर पुस्तिका लेकर फाड़ दिया।
जब उसने प्रिंसिपल और कॉलेज से संपर्क किया, तो उसे आश्वासन दिया गया कि शिकायत का समाधान किया जाएगा। हालांकि मामले को सुलझाने के बजाय मुख्य परीक्षा अधिकारी ने छात्र से परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने की झूठी बात स्वीकार करने को कहा गया। उसे कॉलेज से निष्कासित करने की धमकी भी दी गई।