बॉम्बे हाईकोर्ट: केंद्रीय अधिकारी आशुतोष कुमार सहाय की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

  • अग्रिम जमानत याचिका खारिज
  • अदालत ने कहा-याचिकाकर्ताओं के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत
  • सहाय पर निवेशकों से 5 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-21 15:49 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने केंद्रीय अधिकारी आशुतोष कुमार सहाय की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया। साथ ही अदालत ने उनके सह आरोपी संजय पांडे की भी अग्रिम जमानत याचिका दी है। हालांकि अदालत ने कैंसर की मरीज आशुतोष की पत्नी मोनिका सहाय की अग्रिम जमानत दे दी है। उन पर निवेशकों को एक साल में राशि दोगुना करने का झांसा देकर 5 करोड़ 50 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है।

न्यायमूर्ति एन.जे.जमादार की एकल पीठ आशुतोष कुमार सहाय याचिका खारिज करते हुए कहा कि निष्पक्ष और प्रभावी जांच के लिए याचिकाकर्ताओं को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी प्रतीत होती है, क्योंकि धोखाधड़ी में उनकी संलिप्तता प्रथम दृष्टया सबूत हैं। इस स्तर पर शिकायतकर्ता और निवेशकों के बयान को नजरअंदाज करना घातक होगा। सहाय वर्तमान में प्लास्टिक निर्यात संवर्धन परिषद के क्षेत्रीय निदेशक के रूप में तैनात हैं। वर्सोवा पुलिस ने सहाय समेत तीन अन्य लोगों के खिलाफ म्हाडा के नाम पर निवेश का झांसा देकर निवेशकों से लगभग 5 करोड़ 50 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

पीड़ित की शिकायत के मुताबिक सहाय ने 2017 से अपनी शक्ति और स्थिति का उपयोग करके एक वर्ष की अवधि के भीतर उच्च रिटर्न का वादा करते हुए लोगों को बड़ी राशि का निवेश करने के लिए प्रेरित किया। बाद में जब वादे के मुताबिक रकम नहीं लौटाई गई, तो निवेशकों में संदेह पैदा हुआ। पूछताछ से पता चला कि सहाय ने उन्हें धोखा दिया। उसके द्वारा दिए गए निवेश के दस्तावेज जाली पाए गए।

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