विधानसभा में पेश: पेपर लीक विरोधी विधेयक में 10 साल तक की सजा और एक करोड़ जुर्माने का प्रावधान

  • गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस सत्र में कही थी कानून लाने की बात
  • 10 साल तक की सजा और एक करोड़ जुर्माने का प्रावधान

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-05 14:51 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य और देश में पर्चा लीक (पेपर लीक) की घटनाओं को लेकर चल रहे विवाद के बीच महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में महाराष्ट्र प्रतियोगी परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक-2024 विधेयक पेश किया। राज्य सरकार में मंत्री शंभूराज देसाई ने विधानसभा में इस विधेयक को पेश किया। इस विधेयक के अंतर्गत पेपर लीक के अपराध को संगीन और गैर जमानती धाराओं में दर्ज किए जाने का प्रावधान है। इसमें आरोपी को 3 साल से 10 साल तक की सजा और एक करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

राज्य के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानमंडल के इसी मानसून सत्र में पेपर लीक के खिलाफ कानून लाने की बात कही थी और शुक्रवार को राज्य सरकार ने विधानसभा में यह विधेयक पेश कर दिया। इस विधेयक में ऐसी संस्थाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई का प्रस्ताव है जो पेपर लीक में संलिप्त होंगी या फिर अनुचित लाभ के लिए प्रतियोगी परीक्षा प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव डालती होंगी। इस अधिनियम के तहत अपराधों में शामिल लोगों पर कम से कम 3 वर्ष और अधिकतम 10 वर्ष के कारावास के आलावा 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। इसके अलावा परीक्षा की अनुमानित लागत भी आरोपी से ही वसूल की जाएगी। इसके साथ ही उसे 4 साल तक किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के संचालन की कोई जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी।

वरिष्ठ अधिकारी ही कर सकेंगे जांच

इस तरह के मामलों की जांच डीएसपी या एसीपी के पद के नीचे का अधिकारी नहीं कर सकेगा। इसके अलावा इस अधिनियम के तहत प्रस्ताव रखा गया है कि अगर आरोपी जुर्माने का भुगतान भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के तहत नहीं करता है तो सजा की अवधि बढ़ा दी जाएगी। यह विधेयक महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग व दूसरी प्रतियोगी परीक्षाओं पर लागू होगा।

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