रणनीति: विधानसभा चुनाव में शरद गुट पर निशाना साधने से घबराए अजित के विधायक
- लोकसभा चुनाव परिणामों से डरे विधायक
- बैठक में फैसला लिया
- शरद गुट पर निशाना साधने से घबराए
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राज्य के सभी दल तैयारियों में जुटे हुए हैं। यह चुनाव महायुति बनाम महाविकास आघाडी होने जा रहा है। लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव में भी शिवसेना और राकांपा के दोनों गुटों में आपस में दिलचस्प टक्कर देखने को मिल सकती है। हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले राकांपा (अजित) के विधायक लोकसभा चुनाव परिणाम देखकर घबरा गए हैं। अजित गुट के कई विधायकों ने पार्टी के प्रमुख नेताओं को आगामी विधानसभा चुनाव में सीधे शरद पवार या शरद गुट को निशाना नहीं बनाए जाने का प्रस्ताव रखा है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि लोकसभा चुनाव में शरद पवार की पार्टी ने एकतरफा जीत हासिल की थी और अजित गुट को हार का सामना करना पड़ा था।
सूत्रों का कहना है कि दो दिन पहले मुंबई में राकांपा (अजित) के विधायकों की बैठक हुई थी, जिसमें सभी विधायकों ने तय किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में शरद गुट पर सीधा हमला करने के बजाय महायुति को टारगेट किया जाना चाहिए। इन विधायकों ने यह फैसला लोकसभा चुनाव के परिणाम को देखते हुए लिया है। पार्टी के मौजूदा विधायकों का मानना है कि लोकसभा चुनाव में हमारे उम्मीदवारों ने सीधे तौर पर शरद पवार और सुप्रिया सुले पर निशाना साधा था, जिसका दुष्परिणाम हमको चुनाव के परिणामों में देखने को मिला। यही कारण है कि अब अजित गुट के विधायक सीधे तौर पर शरद पवार और शरद गुट के नेताओं से सीधा टकराव नहीं चाहते हैं। इन नेताओं का मानना है कि शरद गुट को टारगेट करने के बजाय महाविकास आघाडी को निशाने पर लेना चाहिए।
राकांपा (शरद) मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि अजित पवार के विधायकों में डर का माहौल है। उन्हें पता लग गया है कि जैसे उनका लोकसभा चुनाव में सूपड़ा साफ हो गया था, वैसा ही विधानसभा चुनाव में होने वाला है। यही कारण है कि वह अब हमारे ऊपर हमला करने से बच रहे हैं। तपासे ने कहा कि भले ही अजित गुट कितनी भी कोशिश कर ले लेकिन राज्य की जनता लोकसभा चुनाव की तरह उन्हें जमीन पर पटकने वाली है।