बॉम्बे हाईकोर्ट: आदेश के बाद शहीद मेजर अनुज सूद के परिवार को सरकार एक करोड़ देने पर सहमत
- शहीद के परिवार को 9 हजार प्रति मासिक अनुदान भी देगी सरकार
- पिछले दिनों सरकार ने राज्य के नागरिक नहीं होने का हवाला देकर आर्थिक मदद देने से किया था इनकार
- आदेश के बाद शहीद मेजर अनुज सूद के परिवार को लेकर राज्य सरकार बड़ा निर्णय
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने शहीद मेजर अनुज सूद के परिवार को विशेष मामले के तहत 1 करोड़ रुपए देने का निर्णय लिया है। साथ ही सरकार ने शहीद सूद के परिवार को 9 हजार प्रति मासिक अनुदान भी देने की भी बात कही है। पिछले दिनों सरकार ने सूद के राज्य के नागरिक नहीं होने का हवाला देते हुए आर्थिक मदद देने से इनकार दिया था। मेजर अनुज सूद ने मई 2020 में आतंकवादी ठिकानों से नागरिक बंधकों को बचाते हुए अपनी जान दे दी। उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।
न्यायमूर्ति गिरीश एस. कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदोश पी. पूनीवाला की खंडपीठ के समक्ष दिवंगत मेजर अनुज सूद की विधवा आकृति सूद की याचिका पर सुनवाई हुई। राज्य के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने खंडपीठ को बताया कि राज्य सरकार ने 15 अप्रैल को याचिकाकर्ता के अनुरोध और अदालत की टिप्पणियों को देखते हुए विशेष मामले के रूप में शहीद सूद परिवार को आर्थिक लाभ देने के लिए एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) पारित किया, जिसमें सरकार ने अनुज की पत्नी आकृति सूद को 60 लाख रुपए और शहीद के पिता चंद्रकांत सूद को 40 लाख रुपए की राशि देने का फैसला किया है।
साथ ही सरकार ने महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार योजना के तहत आकृति को 9 हजार रुपए प्रतिमाह भत्ता देने का फैसला किया है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम याचिकाकर्ता के मामले को एक विशेष मामले के रूप में विचार करने और इस तरह के लाभ देने के लिए मुख्यमंत्री और राज्य सरकार द्वारा अपनाए गए रुख की अत्यधिक सराहना करते हैं। हम महाधिवक्ता सराफ द्वारा उठाए गए निष्पक्ष रुख और वर्तमान कार्यवाही में उनके मूल्यवान हस्तक्षेप की भी सराहना करते हैं। ये वास्तविक मानवीय पीड़ाएं हैं, जहां हमें कुछ करना चाहिए। हमेशा अपवाद होते हैं।
आकृति सूद के वरिष्ठ वकील आशुतोष कुंभकोणी और वकील स्नेहा एस. भांगे के माध्यम से खंडपीठ को बताया था कि परिवार के पास महाराष्ट्र में एक घर है और वह हमेशा राज्य में बसने का इरादा रखते हैं। आकृति सूद के दस्तावेजों से पुणे में रहने की उनकी इच्छा का पता चलता है। अगस्त 2020 के राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि मेजर अनुज सूद को लाभ नहीं दिया जा सकता, क्योंकि इसका मानदंड यह है कि व्यक्ति को राज्य में पैदा होना या 15 साल तक राज्य का निवासी होना चाहिए।