बॉम्बे हाईकोर्ट: अफगानी छात्र को एक सप्ताह में भारत छोड़ने का आदेश, छात्राओं से रेप का आरोप
- आरोपी मई तक भारत में रहने का किया था अनुरोध
- अदालत ने अफगानी छात्र की याचिका की खारिज
- छात्र पर नाबालिग छात्राओं से दुराचार और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने नाबालिग छात्राओं से दुराचार और कई आपराधिक मामले के आरोपी अफगानिस्तान के छात्र जहीर अहमद सुल्तान को एक सप्ताह में भारत छोड़ने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि आप अपराध पर अपराध करें और हम आप को देश में रहने दें। यह कैसे हो सकता है? हम अधिक समय तक देश में रहने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। न्यायमूर्ति जी. एस. कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदोश पी. पूनीवाला की खंडपीठ के समक्ष अफगानी छात्र जहीर अहमद सुल्तान की वकील जैद अनवर कुरैशी की याचिका पर सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता को कुछ दिन और भारत में रहने की इजाजत दी जाए। उसे जैसे ही अमेरिका का वीजा मिलेगा, वह एक सप्ताह के अंदर भारत छोड़कर चला जाएगा। इस पर पुणे पुलिस की विशेष शाखा की ओर से वकील जीतेन्द्र मिश्रा और वकील संगीता यादव ने कहा कि याचिकाकर्ता को भारत में रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। उसकी पढ़ाई पूरी हो चुकी है।
वह स्टूडेंट वीजा पर भारत में आया था और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है। खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिकाकर्ता को एक सप्ताह में देश छोड़ने का आदेश दिया है।
क्या है पूरा मामला
अफगानी छात्र जहीर अहमद सुल्तान छात्र वीजा पर साल 2015 में पुणे के वाडिया कालेज में पढ़ने आया। आरोप है कि उसने साल 16 और 2017 में दूसरे समूदाय के दो नाबालिग छात्राओं के साथ दुराचार किया। पुणे से कोरेगांव पार्क पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ था।
पुणे के डीसीपी ने इस साल 19 फरवरी को बिना याचिकाकर्ता का पक्ष सुने उसे 14 दिनों के अंदर देश छोड़ने का नोटिस जारी कर दिया था। उसने हाई कोर्ट में नोटिस को चुनौती दी थी।