बॉम्बे हाईकोर्ट: अभिनेत्री कंगना रनौत को नहीं मिली राहत, अख्तर के खिलाफ मानहानि याचिका खारिज
- कंगना ने आपराधिक मानहानि मामले पर रोक लगाने का किया था अनुरोध
- बालीवुड गीतकार जावेद अख्तर के खिलाफ दायर मानहानि की याचिका की खारिज
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट से अभिनेत्री कंगना रनौत राहत नहीं मिली। अदालत ने उनकी बालीवुड गीतकार जावेद अख्तर द्वारा 2020 में उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले पर रोक लगाने के अनुरोध याचिका खारिज कर दी। याचिका में रनौत ने उनके खिलाफ दायर क्रॉस-शिकायत के साथ जोड़ने की प्रार्थना की गई थी। न्यायमूर्ति प्रकाश नाइक की एकलपीठ ने शुक्रवार को कंगना रनौत की याचिका खारिज करते हुए कहा कि कार्यवाही को रोका या क्लब नहीं किया जा सकता है। रनौत ने अपनी याचिका में नहीं कहा कि मामला क्रॉस-केस था। जावेद अख्तर की शिकायत पहले दर्ज की गई थी। ऐसे में याचिका में मांगी गई राहत नहीं दी जा सकती है। अख्तर द्वारा रनौत के खिलाफ दायर मानहानि का मामला अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा है। जबकि अख्तर के खिलाफ रनौत की शिकायत पर सेशन कोर्ट ने रोक लगा दी थी।
अभिनेता रनौत ने अपनी याचिका में कहा था कि दोनों मामले साल 2016 की एक बैठक से जुड़े हुए हैं। इसलिए उन पर एक साथ मुकदमा चलाया जाना चाहिए। अख्तर ने रनौत की याचिका का कड़ा विरोध करते हुए मानहानि मामले में देरी करने का एक और प्रयास बताया था। उन्होंने बताया कि कंगना ने विभिन्न अदालतों के समक्ष 9 अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं, जिनमें से सभी को खारिज कर दिया गया था।
जावेद अख्तर ने मजिस्ट्रेट के समक्ष एक शिकायत दर्ज की, जिसमें आरोप लगाया गया कि रनौत ने 19 जुलाई 2020 को एक टीवी एंकर के साथ अपने साक्षात्कार में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत में उनका नाम खींचकर उनकी बेदाग प्रतिष्ठा पर धब्बा लगाया है। इस मामले में रनौत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत मुकदमा चल रहा है।
जावेद अख्तर द्वारा कंगना रनौत के खिलाफ दायर मानहानि का मामला अंधेरी में मजिस्ट्रेट के सामने चल रहा है, उनके खिलाफ कंगना की शिकायत पर सत्र न्यायालय ने रोक लगा दी थी। अपनी रिट याचिका में, कंगना ने कहा था कि दोनों मामलों की उत्पत्ति 2016 में एक बैठक में हुई थी, इसलिए उन पर एक साथ मुकदमा चलाया जाना चाहिए।