बॉम्बे हाईकोर्ट: रेप के आरोपी को मिली अग्रिम जमानत, सहमति से बनाए के गए संबंध
- अदालत ने सहमति से बनाए के गए संबंध को दुराचार नहीं माना
- पीड़िता ने व्यक्ति पर होटल में बुलाकर दुराचार करने का लगाया था आरोप
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने दुराचार के आरोपी आनंद मिश्र को अग्रिम जमानत दे दी। अदालत ने याचिकाकर्ता के सहमति से बनाए के गए शारीरिक संबंध को दुराचार मानने से इनकार कर दिया। माणिकपुर पुलिस ने मिश्रा के खिलाफ शादी का झांसा देकर युवती से दुराचार करने का मामला दर्ज किया था।
न्यायमूर्ति एन.जे.जामदार की एकलपीठ के समक्ष वकील सुशील उपाध्याय की दुराचार के आरोपी आनंद मिश्र की दायर अग्रिम जमानत पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील वकील सुशील उपाध्याय ने दलील दी कि उत्तर प्रदेश के भदोही निवासी आनंद मिश्र वसई के एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे। उनकी साल 2017 नालासोपारा (पूर्व) में रहने वाली युवती से जान पहचान हुई। दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे। उनके बीच चार साल तक संबंध रहे। इस दौरान मिश्रा ने युवती के साथ शारीरिक संबंध बनाए। बाद में याचिकाकर्ता वसई से अपने मूल गांव चले गए और वहीं रहने लगे। पिछले साल 14 दिसंबर को युवती ने माणिकपुर पुलिस स्टेशन में मिश्र के खिलाफ दुराचार का मामला दर्ज करा दी।
माणिकपुर पुलिस ने याचिकाकर्ता को नोटिस भेज कर जांच के लिए बुलाया, तो वह पुलिस की गिरफ्तारी की डर से सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की। सेशन कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का अग्रिम जमानत की याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान पीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता और शिकायतकर्ता के बीच आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाए गए थे। यह प्रथम दृष्टिया दुराचार का मामला नहीं बनता है।