अदालत: 10 साल बाद एक्सीडेंट की पीड़ित को मिला न्याय

  • महाराष्ट्र मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल का फैसला
  • एसटी को एक्सीडेंट पीड़ित को 7 लाख रुपए ब्याज के साथ देने का दिया आदेश
  • मुंबई गोवा हाईवे पर खेड़ में हुआ था एक्सीडेंट

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-10 16:53 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। 10 साल बाद एसटी बस के एक्सीडेंट का शिकार हुए युवक को महाराष्ट्र मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (एमएसीटी) से न्याय मिला है। ट्रिब्यूनल न्यायाधीश आर.वी.जगताप ने महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम को एक्सीडेंट पीड़ित श्रवण कुमार दुबे को 7 लाख रुपए ब्याज के साथ देने का निर्देश दिया है। श्रवण का साल 2013 को मुंबई गोवा हाईवे पर खेड़ में एक्सीडेंट हुआ था।

महाराष्ट्र मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (एमएसीटी) में श्रवण दुबे की ओर से वकील राहुल त्रिपाठी और वकील जिगर अग्रवाल ने 6 लाख रुपए हर्जाना अपील की। साल 2014 से ट्रिब्यूनल में दुबे के हर्जाने की सुनवाई चलती रही। ट्रिब्यूनल के न्यायाधीश आर.वी.जगताप के समक्ष वकील त्रिपाठी और वकील अग्रवाल ने पीड़ित श्रवण का पक्ष प्रमुखता से रखा। न्यायाधीश जगताप ने अपने फैसले में महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम को एक्सिडेंट पीड़ित श्रवण कुमार दूबे को 7 लाख रुपए व्याज के साथ देने का निर्देश दिया है।

16 सितंबर 2013 को श्रवण दूबे अपनी मोटरसाइकिल से कंपनी के काम के लिए मुंबई-गोवा राजमार्ग पर खेड़ की तरफ जा रहा था। जैसे ही वह शिव फाटा पर पहुंचे, उसी समय एक स्कॉर्पियो और महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम की एस.टी.बस तेजी से आई। एसटी बस बिना कोई संकेत दिए तेजी से शिव फाटा पर दाहिनी ओर मुड़ गयी। बस ने श्रवण की मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। एस.टी. बस और स्कॉर्पियो के ड्राइवरों की लापरवाही से एक्सीडेंट हो गया. इस एक्सीडेंट में श्रवण गंभीर रूप से घायल हो गए. उनके पैर में फ्रैक्चर आ गई. उसे खेड़ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। दुर्घटना एस.टी.बस चालक की लापरवाही के कारण हुई है, रत्नागिरी के खेड़ पुलिस स्टेशन मामला दर्ज किया गया था। इस हादसे से घर के अकेले कमाने वाले श्रवण के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। कई महीनों तक श्रवण का इलाज चला।

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