मंत्रिमंडल: सौर ऊर्जा से रोशन होंगी राज्य की करीब 37 हजार बालवाड़ियां, मिल सकती है मंजूरी

  • जल्द मिल सकती है मंत्रिमंडल की मंजूरी
  • बिना बिजली के चल रही राज्य की 36 हजार 978 आंगनवाड़ियां
  • आंगनवाड़ियों में लगेंगे सौर ऊर्जा संयंत्र

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-04 14:40 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बिना बिजली के चल रही राज्य की 36 हजार 978 आंगनवाड़ियों को सौर ऊर्जा के जरिए रोशन करने की योजना तैयार की गई है। इसके लिए 460 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। आंगनवाड़ियों में एक किलो वॉट के संयंत्र लगाए जाएंगे। सौर ऊर्जा के एक संयंत्र की लागत 1 लाख 24 हजार 608 रुपए होगा। इसके परिवहन का खर्च अलग होगा। आंगनवाड़ियों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने से जुड़े प्रस्ताव को जल्द ही राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल सकती है। राज्य में फिलहाल कुल 553 बाल विकास परियोजनाएं कार्यरत जिनमें से 449 ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में जबकि 104 परियोजनाएं शहरी क्षेत्रों में कार्यरत हैं। शहरी क्षेत्रों की सभी आंगनवाड़ियों में बिजली की व्यवस्था हो चुकी है। ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में कुल 94 हजार 846 आंगनवाड़ियां हैं जिनमें 70 हजार 879 आंगनवाड़ियां ही सरकारी स्वामित्व वाली जगहों पर बनाई गईं हैं। इनमें से 36 हजार 978 आंगनवाड़ियों में बिजली उपलब्ध नहीं है। महिला एवं बालविकास मंत्री आदिती तटकरे ने इन आंगनवाड़ियों में सौर ऊर्जा के जरिए बिजली की व्यवस्था करने से जुड़ा प्रस्ताव तैयार कराया है। इस प्रस्ताव पर सरकार का रुख भी सकारात्मक है। महाराष्ट्र ऊर्जा विकास एजेंसी (मेडा) से इस बात की जानकारी मंगाई गई है कि आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए कौन सा सौर ऊर्जा विद्युत संयंत्र ठीक करेगा। मेडा ने आंगनवाड़ियों में संचरण रहित सौर उर्जा संयंत्र लगाने का सुझाव दिया है। बता दें कि केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार भी लगातार हरित ऊर्जा के विकल्पों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। मेडा ने राज्य में सौर ऊर्जा के जरिए 12 हजार 930 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है। महाडिस्काम के आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल सौर ऊर्जा के जरिए 1886 मेगा वॉट बिजली का उत्पादन हो रहा है।

36978 आंगनवाड़ियों में लगेंगे सौर ऊर्जा संयंत्र

प्रति संयंत्र 124608 रुपए का खर्च

कुल खर्च 460 करोड़ 77 लाख 54 हजार 642 रुपए

हर सौर संयंत्र की क्षमता 1 किलो वॉट

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