कोर्ट-कचहरी: बीएमसी के पुनर्वसन प्रकल्प में 20000 करोड़ का घोटाला

  • बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने दाखिल की है जनहित याचिका
  • तत्काली ठाकरे सरकार और बीएमसी द्वारा बिल्डरों को करोड़ों का लाभ पहुंचाने का दावा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-24 14:15 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के विभिन्न पुनर्वसन प्रकल्पों में 20 हजार करोड़ रुपए के घोटाले को लेकर बांबे हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि तत्कालीन शिव सेना के उद्धव ठाकरे की सरकार और बीएमसी ने मुंबई के रास्तों एवं नालों के बनाने समेत विभिन्न परियोजनाओं से प्रभावित लोगों को बना कर घर देने के लिए बिल्डर शाहिद बलवा की डीबीएस रियल्टी और पुणे के चोरडिया ग्रुप ऑफ कंपनी को 4 ठेके दिए गए। बीएमसी द्वारा 5.4 एफएसआई को मंजूरी देकर बिल्डर को 25000 करोड़ रुपए का अग्रिम भुगतान किया गया। साथ ही बीएमसी ने उन्हें 11 प्रकार के बीएमसी करों के भुगतान से छूट दी गई है।

भाजपा नेता किरीट सोमैया ने शुक्रवार को वकील आदित्य भट्ट और वकील अमित मेहता के माध्यम से हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर किया। याचिका में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए), बीएमसी और बिल्डरों समेत 17 लोगों को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिका में दावा किया गया है कि बीएमसी आयुक्त इकबाल चहल ने तत्कालीन ठाकरे सरकार के समर्थन वाले बिल्डरों को विभिन्न प्रकल्पों में 25000 करोड़ रुपए से अधिक का लाभ पहुंचाया है, जिसमें 20000 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है।

बीएमसी द्वारा प्रकल्प प्रभावित लोगों के लिए 300 वर्ग फुट के घर को बाजार दर पर खरीदने का निश्चय किया। मुलुंड में बिल्डर के लिए 300 वर्ग फुट के घर की लागत लगभग 10 लाख रुपए है। जबकि बीएमसी ने बिल्डरों को प्रति घर पर 52 लाख रुपए का भुगतान कर रही है। इसी तरह प्रभादेवी में बिल्डर को घर की लागत 18 लाख रुपए आती है। जबकि बीएमसी प्रति घर बिल्डर को 1 करोड़ 14 लाख रुपए का भुगतान कर रही है। इसी तरह मुलुंड, कांजुर मार्ग और भांडुप के लोगों के लिए पहले ही मुलुंड में केलकर कॉलेज के पास जमीन के एक छोटे से टुकड़े पर 7439 परियोजना प्रभावित लोगों के निर्माण का कार्य शुरू किया गया है। लोगों ने इस लूट परियोजना का विरोध करना शुरू कर दिया है। मानखुर्द (पू.) और जोगेश्वरी (प.) के बेहरामपाड़ा क्षेत्र के परियोजना प्रभावित लोगों को मुलुंड (पू.) में स्थानांतरित किया जाएगा।

Tags:    

Similar News