मुंबई: बीएमसी में अभियंता के 900 पद खाली, बिना चीफ इंजीनियर के चल रहे 15 विभाग
- 9 सहायक आयुक्तों के पद हैं खाली
- मिरानी टेक्निकल समिति की रिपोर्ट भी नहीं की लागू
- ठेकेदारों के भरोसे गुणवत्ता पर लग रहा बट्टा
डिजिटल डेस्क, मुंबई. देश की सबसे समृद्ध महानगरपालिका मुंबई मनपा में खाली पदों की मार कामों की गति और गुणवत्ता पर पड़ा रहा है। मनपा में 9 सहायक आयुक्त, 15 चीफ इंजीनियर और 900 अभियंताओं (इंजीनियर) के पद रिक्त हैं। ऐसी परिस्थिति में अतिरिक्त प्रभार और ठेकेदारों के भरोसे मनपा का काम चल रहा है। मनपा में इंजीनियर के शेड्यूल किए गए 5 हजार पद हैं, लेकिन इस समय मनपा में लगभग 4,100 इंजीनियर ही कार्यरत हैं। ऐसे में अभियंताओं के 900 पद रिक्त होने के कारण काम प्रभावित हो रहा है। मुंबई महानगरपालिका में कुल 3,800 अभियंता कार्यरत हैं। जबकि यहां कुल 2 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का वर्क आर्डर दिया गया है। वैसे पांच वर्ष पहले राज्य सरकार ने इंजीनियरों के कामकाज को लेकर मिरानी टेक्निकल समिति का गठन किया था। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 5 करोड़ रुपए के काम पर एक सब-इंजीनियर की नियुक्ति होनी चाहिए। लेकिन मनपा ने उसे लागू नहीं किया।
2017 के बाद नहीं हुई नियुक्ति
मनपा में वर्ष 2016-17 में 780 सब इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर की भर्ती की गई थी। उसके बाद सेवानिवृत्त होने वाले इंजीनियर के पदों पर भर्ती नहीं किए जाने से पद रिक्त होते गए।
कनिष्ठों पर अतिरिक्त प्रभार का भार
मुंबई महानगरपालिका के कई विभाग हैं। इनमें 15 ऐसे विभाग हैं, जिसमें चीफ इंजीनियर के पद रिक्त हैं। चीफ इंजीनियर के स्थान पर डिप्टी चीफ इंजीनियर और एक्जीक्यूटिव इंजीनियर को प्रभार देकर काम काज चलाया जा रहा है।
9 सहायक आयुक्त नहीं
मनपा के कुल 24 वार्ड हैं। इन वार्डों में 9 सहायक आयुक्तों के पद रिक्त हैं। इनका प्रभार अभियंताओं को देकर कामकाज चलाया जा रहा है। इस वर्ष 6 ज्वाइंट कमिश्नर और 3 उपायुक्त भी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इससे कामकाज पर और भी दबाव बढ़ने की संभावना है। आरोप है कि मनपा प्रशासन अधिकारियों और अभियंताओं की भर्ती करने के बदले ठेकेदारों पर ज्यादा भरोसा जता रही है। मनपा के सभी काम ठेकेदार कर रहे हैं।
रमेश भुतेकर देशमुख, उपाध्यक्ष, म्युनिसिपल इंजीनियर्स एसोसिएशन के मुताबिक मुंबई महानगरपालिका पैसा बचाने के लिए इंजीनियरों की भर्ती नहीं कर रही है। मनपा में 900 पद रिक्त हैं। मनपा प्रशासन मिरानी टेक्निकल समिति की रिपोर्ट को लागू नहीं कर रही है। जब इतनी बड़ी संख्या में पद खाली हैं तो इसका असर काम पर पड़ेगा। मनपा को तुरंत भर्ती प्रक्रिया शुरु करनी चाहिए।