आंकड़े: जनवरी-अप्रैल के चार महीने में 838 किसानों ने की खुदकुशी, औसतन सात किसान रोज दे रहे जान

  • अमरावती-संभाजी नगर विभाग में ज्यादा आत्महत्याएं
  • औसतन सात किसान रोज दे रहे जान
  • जनवरी से अप्रैल के बीच कई किसानों की आत्महत्या

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-25 16:03 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के दौरान महाराष्ट्र में जनवरी से अप्रैल 2024के बीच 838 किसानों ने आत्महत्या की है।जनवरी में 235, फरवरी में 208, मार्च में 215 और अप्रैल में 180 किसानों ने जान गंवाई है। यानीइन चार महीनों में प्रतिदिन औसतन 7 किसानों ने आत्महत्या की है। राज्य के अमरावती विभाग में सबसे ज्यादा383 और छत्रपति संभाजीनगर विभाग में 267 किसानों ने खुदकुशी की है। नागपुर विभाग में 84, नाशिक विभाग में 97 और पुणे विभाग में महज 7 किसानों ने आत्महत्या की है। वहीं कोंकण अंचल में किसानों की आत्महत्या का प्रमाण शून्य है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि जिला स्तरीय समितियों के पास जनवरी से अप्रैल के बीच किसान आत्महत्या के 838 प्रकरण मिले थे। जिसमें 171 किसान आत्महत्या के प्रकरण वैध पाए गए हैं। इसमें से 104 किसानों के परिजनों को राज्य सरकार की योजना के तहत एक-एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान कर दी गई है। जबकि 62 किसान आत्महत्या के प्रकरणों को खारिज कर दिया गया है। वहीं 605 किसान आत्महत्या के प्रकरणों में कागजात की छानबीन चल रही है। अधिकारी ने कहा कि कर्ज के बोझ, कर्ज वापस नहीं कर पाने और फसलों की पैदावार न होने के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों के परिजनों को ही आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

अमरावती-यवतमालजिले में सबसे अधिक आत्महत्या

राज्य में जनवरी से अप्रैल के बीच सबसे ज्यादा किसानआत्महत्या अमरावती जिले मंस हुई है। इन चार महीनों में अमरावती में 116, यवतमाल में 108,वाशिम में 77, जलगांव में 62, बीड़ में 59, छत्रपति संभाजीनगर में 44, धाराशिव में 42, वर्धा में 39, नांदेड़ में 41, बुलढाणा में 18, धुलिया में 16, नागपुर में 15, अहमदनगर में 14 किसानों ने आत्महत्या की है।

जनवरी से अप्रैल के बीच किसानों की आत्महत्या

विभाग किसान आत्महत्या

अमरावती विभाग 383

छत्रपति संभाजीनगर विभाग 267

नागपुर विभाग 84

नाशिक विभाग 97

पुणे विभाग 7

कोंकण विभाग 0

कुल 838


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