उपलब्धि: विशेष योगदान के लिए राष्ट्रपति के हाथों देशभर के 82 शिक्षक किए गए पुरस्कृत

  • राज्य के पांच शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार
  • राष्ट्रपति के हाथों किए गए पुरस्कृत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-06 14:10 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. स्कूली, उच्च व कौशल शिक्षा को अधिक सुलभ और बेहतर बनाने के साथ सूचना व तकनीक के प्रभावी इस्तेमाल के लिए महाराष्ट्र के पांच शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में राष्ट्रीय शिक्षक दिन पर शिक्षकों को पुरस्कार दिए। स्कूली शिक्षा विभाग में उल्लेखनीय योगदान के लिए गडचिरोली जिले के जाजावंडी स्थित जिला परिषद प्राथमिक स्कूल के शिक्षक मंतैय्या बेडके और कोल्हापुर के एसएम लोहिया हाईस्कूल एवं जूनियर कॉलेज में चित्रकला के शिक्षक सागर बाडगे को पुरस्कार दिया गया है। इसके अलावा उच्च शिक्षा विभाग में पुणे के रामकृष्ण मोरे कॉलेज की अंग्रेजी की शिक्षिका डॉ. शिल्पागिरी प्रसाद गणपुले, आईआईएसईआर पुणे के प्रोफेसर श्रीनिवास होथा को सम्मानित किया गया है। भारत सरकार के कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय के तहत आईटीआई निदेशक विवेक चांदलिया को भी पुरस्कृत किया गया है। पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री जयंत चौधरी समेत कई मान्यवर मौजूद थे। पुरस्कार स्वरूप शिक्षकों को प्रमाणपत्र के साथ 50 हजार रुपए और पदक दिए जाते हैं।

इसलिए मिला पुरस्कार

मंतैय्या बेडके

गडचिरोली के नक्सलप्रभावित और दुर्गम इलाके में कड़ी मेहनत कर विद्यार्थियों की संख्या 8 से बढ़ाकर 138 तक पहुंचाई। लोगों को साथ लेकर उन्होंने स्कूल में स्मार्ट टीवी और इनवर्टर जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई।

सागर बागडे

कला के शिक्षक विद्यार्थियों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। विद्यार्थियों के साथ देश-विदेश में चित्रकला से जुड़े कार्यक्रमों के जरिए उन्होंने दो विश्वरिकॉर्ड अपने नाम किए हैं।

विवेक चांदलिया

हस्तकला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए चांदलिया को पुरस्कार दिया गया है। पेंटिंग और स्प्रे चित्रकला के क्षेत्र में उन्होंने 500 से ज्यादा विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया है।

डॉ. शिल्पागौरी प्रसाद गणपुले

डॉ. गणपुले ने 12 से ज्यादा देशों में अपने शोधपत्र प्रकाशित किए हैं। इसके अलावा 7 किताबों का लेखन, 14 किताबों के संकलन और 3 किताबों के भाषांतर का काम भी उन्होंने किया है। डॉ. गणपुले के मार्गदर्शन में 14 विद्यार्थियों ने पीएचडी और एमफिल की डिग्री हासिल की है।

प्रो. श्रीनिवास होथा

कार्बोहाइड्रेट रसायनशास्त्र के नामचीन शोधकर्ता के रुप में मशहूर होथा देश-दुनिया में प्रसिद्ध हैं। उन्हें पहले भी शोध के लिए कई पुरस्कार दिए जा चुके हैं।

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