खुलासा: जम्मू-कश्मीर में पिछले 9 वर्षों में 574 जवान हुए शहीद
- साल 2018 में हुए सबसे ज्यादा शहीद
- मौजूदा साल में हुए सबसे कम
- पिछले 9 वर्षों में 574 जवान हुए शहीद
डिजिटल डेस्क, मुंबई, सोमदत्त शर्मा। पिछले कुछ सालों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में गिरावट देखने को मिली है, जिसके चलते शहीद होने वाले जवानों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है। साल 2014 से 2023 तक पिछले 9 सालों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं के चलते 574 जवान शहीद होने की जानकारी गृह मंत्रालय ने सूचना के अधिकार के तहत अमरावती के आरटीआई कार्यकर्ता अजय बोस को दी है। 9 वर्षों में शहीद होने वाले जवानों की जानकारी दी गई है उनमें सबसे कम जवान इसी मौजूदा वर्ष में सितंबर महीने तक शहीद हुए हैं जिनकी संख्या 18 है। जबकि साल 2018 में सबसे ज्यादा 91 जवान शहीद हुए।
गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि साल 2014 में राज्य में 222 आतंकी घटनाएं हुईं जिनमें 47 जवान शहीद हुए थे। जबकि 2015 में आतंकी घटनाओं में कमी आई और शहीद होने वाले जवानों का यह आंकड़ा 208 हो गया। साल 2018 में सबसे ज्यादा 614 आतंकी हमलों की घटनाएं हुईं जिसमें सबसे ज्यादा 91 जवान शहीद हुए। साल 2019 में पुलवामा में आत्मघाती हमले में 40 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे इसलिए यह आंकड़ा उस साल 80 तक पहुंच गया। साल 2019 में ही भारतीय सेना ने आतंकवादियों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी जिसके बाद से घाटी में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। गृह मंत्रालय का दावा है कि जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है जिसके चलते आतंकी घटनाओं में कमी देखने को मिल रही है।
सेना के पूर्व कैप्टेन दिलीप परुलकर का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने जवानों की सुरक्षा को लेकर बड़े बदलाव किये हैं। इसके आलावा नई तकनीक के हथियारों को भी सेना को दिया गया है जिसकी वजह से आतंकी गतिविधियों में कमी आई है। परुलकर ने कहा कि भारत ने साल 2019 में जो सर्जिकल स्ट्राइक की थी उससे भी आतंकियों में दहशत पैदा हुई है।
2014 से लेकर 2023 तक कितने जवान हुए शहीद
साल जवान हुए शहीद
2014 47
2015 39
2016 82
2017 80
2018 91
2019 80
2020 63
2021 42
2022 32
2023 18 (सितंबर तक)