नया जीवनदान: किडनी के दुर्लभ ट्यूमर से पीड़ित 56 वर्षीय महिला को मिला नया जीवनदान
- 24 घंटे में बचाई जान
- पेट में दर्द और बार-बार उल्टी की थी शिकायत
- महिला को मिला नया जीवनदान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पेट में दर्द और बार- बार हो रही उल्टी की शिकायत से पीड़ित एक 56 वर्षीय महिला का इलाज 24 घंटे के भीतर होने से जान बच गई। डॉक्टरों के मुताबिक जरा से भी देरी से महिला की जान को खतरा हो सकता था। एंजियोमायोलिपोमा एक दुर्लभ ट्यूमर से पीड़ित का इलाज एंजियोएम्बोलाइजेशन तकनीक से किया गया। साधना कोली को अचानक दाहिनी ओर पेट में दर्द और बार-बार उल्टी होने लगी। उसकी बिघडती सेहत को देखकर परिवारवालो ने उन्हें नवी मुंबई के मेडिकवर अस्पताल में भर्ती कराया। सोनोग्राफी की और सीटी स्कैन की जांच में एंजियोमा लिपोमा का पता चला। अस्पताल के युरोलॉजिस्ट औऱ ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. विकास भिसे ने बताया कि मरीज में एंजियोमायोलिपोमा का पता चला जो किडनी का एक सौम्य और दुर्लभ ट्यूमर था। सीटी यूरोग्राफी में ट्यूमर के फूटने का पता चला। इससे उसके शरीर से रक्तस्राव जारी था जिसके बाद मरीज को तुरंत अस्पताल में दाखिल किया गया।
एंजियोएम्बोलाइज़ेशन तकनीक का किया गया इस्तेमाल
डॉ. भिसे ने बताया कि मरीज की सेहत को देखकर एंजियोएम्बोलाइज़ेशन तकनीक का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया। ट्यूमर ने रक्त वाहिका को बहुत नाजुक बना दिया था। ट्यूमर को आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिका की पहचान की गई और किडनी को क्षति से बचाने के लिए उस वाहिका को अवरुद्ध कर दिया गया। यह सर्जरी 30 मिनट तक चली। सर्जरी के बाद मरीज की सेहत में सुधार देखकर उसे डिस्चार्ज दिया गया। अगर समय पर इलाज नहीं किया गया तो ट्यूमर से रक्तस्राव से जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता था जिससे महिला की जान तक जा सकती थी।