बॉम्बे हाईकोर्ट: त्र्यंबकेश्वर के 44 होटल कारोबारियों को नहीं मिली राहत
- अदालत ने सभी कारोबारियों को अलग-अलग याचिका दायर करने के दिए निर्देश
- कारोबारियों को प्रोटेक्शन देने से अदालत ने किया इनकार
- एनएमआरडीए ने त्र्यंबकेश्वर के होटल एवं लाज को 31 दिसंबर तक तोड़ने की दी है नोटिस
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट से नाशिक स्थित त्रैंबकेश्वर के 44 होटल कारोबारियों को राहत नहीं मिली। अदालत ने नाशिक महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एनएमआरडीए) की कार्रवाई से संरक्षण देने से इनकार करते हुए सभी कारोबारियों को अलग-अलग याचिका दायर करने का निर्देश दिया। एनएमआरडीए ने 100 से अधिक कारोबारियों को 31 दिसंबर तक उनके होटल एवं लाज तोड़ने की नोटिसदी है।न्यायमूर्ति कमल खाता और न्यायमूर्ति जितेंद्र जैन की अवकाश कालीन खंडपीठ के समक्ष बुधवार को होटल साईं प्लाजा फैमिली गार्डन और होटल चकदे समेत 44 होटल कारोबारियों की ओर से वकील वैभव कदम की दायर याचिका पर सुूनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं के वकील कदम ने दलील दी कि एनएमआरडीए की 31 दिसंबर तक होटलों को तोड़ने की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। कारोबारी कई सालों से होटल और लाज चला रहे हैं। होटल कारोबारी त्रयंबकेश्वर मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने आने वाले भक्तों को ठहरने एवं खाने-पीने की सुविधा मुहैया करवाते हैं। त्र्यंबकेश्वर में होटल के अलावा स्थानीय स्तर पर कोई व्यवसाय भी नहीं है। होटल ही लोगों के आय का जरिया है।
साल 2017 में एनएमआरडीए बना। जबकि कारोबारी इससे काफी पहले से होटल एवं लाज का व्यवसाय करते आ रहे हैं। अब एनेमआरडीए ने उन्हें अनधिकृत घोषित कर 31 दिसंबर तक तोड़ने का नोटिस दिया है। उन पर कृषि भूमि पर बिना अनुमति के होटल एवं लाज बनाने का आरोप है। खंडपीठ ने कहा कि होटलों के निर्माण अलग-अलग हैं। भले ही उन्हें एक जैसी नोटिस भेजी गई है। अदालत ने सभी होटल कारोबारियों को अलग-अलग याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया और उन्हें 31 दिसंबर तक कार्रवाई से संरक्षण देने से इनकार कर दिया। अदालत ने याचिकाकर्ताओं को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।