महाराष्ट्र: 36 हजार आंगनवाड़ियों को मिलेगा सोलर सिस्टिम, पुणे-छत्रपति संभाजीनगर महामार्ग का होगा सुधार
- राज्य मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
- पुणे-छत्रपति संभाजीनगर राष्ट्रीय महामार्ग का होगा सुधार
- अमरावती में नया मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय के लिए मोर्शी में जगह
डिजिटल डेस्क, मुंबई. प्रदेश के 36 हजार 978 आंगनवाड़ी केंद्रों को सौर ऊर्जा सेट (सोलर सिस्टिम) देने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। फिलहाल जिन आंगनवाड़ी केंद्रों में बिजली की सुविधा नहीं है, ऐसे 36 हजार 978 केंद्रों को एक किलो वॉट क्षमता का बैटरी सहित सौर सेट चरणबद्ध तरीके से दिया जाएगा। महाऊर्जा के जरिए आंगनवाड़ियों को सौर ऊर्जा सेट उपलब्ध कराया जाएगा। मंत्रिमंडल ने इसके लिए 564 करोड़ रुपए खर्च को मंजूरी दी है। इससे पहले सरकार ने 27 फरवरी 2024 को पेश अंतरिम बजट में सोलर ऊर्जा सेट देने की घोषणा की थी।
पुणे-छत्रपति संभाजीनगर राष्ट्रीय महामार्ग का होगा सुधार
राज्य मंत्रिमंडल ने पुणे-शिरुर-अहमदनगर-छत्रपति संभाजीनगर राष्ट्रीय महामार्ग का सुधार करने के लिए मंजूरी दी है। एमएसआईडीसी के जरिए पुणे से शिरुर 53 किमी छह लेन के महामार्ग को अपग्रेड किया जाएगा। इसके लिए 7 हजार 515 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है। जबकि शिरुर- अहमदनगर बाहरी घुमाव मार्ग वाली छत्रपति संभाजीनगर सड़क के सुधार में 2 हजार 50 करोड़ रुपए खर्च होंगे। शिरुर से अहमदनगर मार्ग पर राज्य के सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग द्वारा टोल वसूली की जा रही है। इसलिए टोल वसूली की अवधि खत्म होने के बाद सड़क को हस्तांतरित किया जाएगा। अहमदनगर से देवगड सड़क के सुधार के लिए एमएसआईडीसी को हस्तांतरित किया जाएगा। देवगड से छत्रपती संभाजीनगर मार्ग पर सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग टोल वसूली कर रहा है। टोल वसूली की अवधि खत्म होने के बाद एमएसआईडीसी को हस्तांतरित किया जाएगा।
अमरावती में नया मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय के लिए मोर्शी में जगह
अमरावती में नया मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय के लिए जगह देने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय के प्रशासनिक कार्यालय के लिए मोर्शी शहर की जलसंसाधन कॉलोनी की 0.61 हेक्टेयर आर, 4.08 हेक्टेयर आर जगह प्रदान किया जाएगा। विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल के लिए राष्ट्रीय मत्स्य बीज केंद्र सिंभोरा की 33 हेक्टेयर जमीन नागपुर के महाराष्ट्र पशु व मत्स्य विज्ञान विश्विद्यालय को प्रदान किया जाएगा। इस महाविद्यालय के पदों के लिए 31 करोड़ 48 लाख रुपए खऱ्च होंगे। इसके अलावा निर्माण कार्य, फर्नीचर और वाहन खरीदी पर 171 करोड़ 6 लाख रुपए खर्च होंगे। इससे पहले सरकार ने मोर्शी तहसील के पार्डी में मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय शुरू करने के लिए मंजूरी दी थी। लेकिन जगह उपयुक्त नहीं होने के कारण मोर्शी शहर की उर्ध्व वर्धा की जलसंसाधन विभाग की कॉलोनी की जगह देने का फैसला किया गया है।
न्यायिक अधिकारियों को मिलेगा संशोधित भत्ता
राज्य के औद्योगिक कामगार न्यायालय के न्यायिक अधिकारियों को संशोधित भत्ता देने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। राज्य के औद्योगिक व कामगार न्यायालय के न्यायिक अधिकारियों को राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत संशोधित भत्ता प्रदान किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में आदेश दिया था। इसके तहत मंत्रिमंडल ने 1 जनवरी 2016 से बकाया भत्ते के लिए 37 करोड़ 3 लाख 42 हजार 723 रुपए देने को मंजूरी प्रदान की है। इसके अलावा 7 करोड़ 50 लाख 48 हजार 400 रुपए मासिक खर्च को भी मंजूरी दी गई है।
राज्य के 35 सहकारी कुक्कुट पालन संस्थाओं का दंड ब्याज माफ
राज्य की 35 सहकारी कुक्कुट (मुर्गी) पालन संस्थाओं की बकाया राशि एकमुश्त वसूल करके ब्याज और दंडब्याज को माफ करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इन 35 संस्थाओं ने 15 दिनों में बकाया मूल राशि और शेयरपूंजी भरने के लिए सहमति दी है। जो संस्थाएं इस योजना में शामिल नहीं होंगी, उसकी संपत्ति जब्त करके नीलाम कर दी जाएगी। इन संस्थाओं का 24 करोड़ 69 लाख 88 हजार रुपए खर्च है। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय सहकार विकास निगम की योजना के तहत 76 कुक्कुट पालन संस्थाओं को आर्थिक सहायता दिया था। जिसमें से 8 संस्थाएं कर्ज मुप्त हो गई हैं। बाकी 65 बकाएदार संस्थाओं में से 15 संस्थाएं चल रही हैं। जबकि 20 बंद हैं। वहीं 30 संस्थाएं दिवालियापन की स्थिति में हैं।
पैठण और गंगापुर में जिला अतिरिक्त न्यायालय, हिंगोली होगा स्वतंत्र न्यायिक जिला
छत्रपति संभाजीनगर के पैठण और गंगापुर में जिला अतिरिक्त सत्र न्यायालय स्थापित करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। हिंगोली को स्वतंत्र न्यायिक जिला बनाया जाएगा। नागपुर के काटोल और वर्धा के आर्वी में वरिष्ठ दिवानी न्यायाधीश न्यायालय स्थापित करने को भी मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दी है। ठाणे के मीरा-भाईंदर में दिवाणी न्यायालय कनिष्ठ स्तर व न्यायदंडाधिकारी प्रथम वर्ग न्यायालय स्थापित किया जाएगा। राज्य में विभिन्न जगहों पर नया न्यायालय शुरू करने के लिए प्रलंबित मामलों की संख्या कम से कम 500 होनी चाहिए। इसके अनुसार पैठण और गंगापुर में मामले अधिक प्रलंबित है। यहां पर न्यायालयीन इमारत व न्यायाधिशों के लिए आवास उपलब्ध है। दोनों जगहों पर आवश्यक पद भरे जाएंगे। फिलहाल परभणी और हिंगोली जिले का न्यायिक काम परभणी से चलता है। लेकिन अब हिंगोली को स्वतंत्र न्यायिक जिला स्थापित करने का फैसला लिया गया है। इशके लिए 43 पदों का सृजन किया जाएगा। मुख्य न्यायदंडाधिकारी और जिला सरकारी वकील कार्यालय में 8 पदों का निर्माण किया जाएगा। वहीं नागपुर के काटोल और वर्धा के आर्वी में दिवानी न्यायाधीश वरिष्ठ स्तर न्यायालय स्थापति करने के लिए 17-17 पदों को मंजूर किया गया है।