मराठा आरक्षण: मनपा के 13 हजार कर्मचारी मुंबई में तीन दिन करेंगे सर्वे, पूछे जाएंगे 156 सवाल
- एक टीम में 16 कर्मचारी रहेंगे शामिल
- डॉक्टर-इंजीनियर भी बस्ती में उतारे
- पूछे जाएंगे 156 सवाल, हर वार्ड में बनाई जा रही 46-50 टीमें
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई महानगरपालिका की ओर से शहर के मराठा समाज की संख्या का पता लगाने के लिए आज से सर्वे किया जा रहा है। यह सर्वेक्षण तीन दिन चलेगा। मुंबई जिला कलेक्टर ने मनपा के इंजीनियर और डॉक्टरों सहित कुल 13 हजार कर्मचारियों को सर्वेक्षण के लिए उतारा है। खास बात यह है कि मनपा के सभी 24 विभागों में घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने के लिए तीन दिनों का लक्ष्य दिया गया है। हालाकि इसे पूरा करना असंभव माना जा रहा है।
बता दें कि मनपा में इंजीनियरों के एक हजार पद दो साल से खाली हैं। वहीं मराठा सर्वेक्षण के लिए उप-अभियंताओं और सहायक इंजीनियरों और डॉक्टरों सहित 800 से अधिक जूनियर इंजीनियरों को लगाया गया है। इसका असर मनपा के कामकाज पर पड़ सकता है। मुंबई मनपा के विभिन्न विभागों में इंजीनियर के 4 हजार पद हैं, जिसमें से एक हजार पद रिक्त हैं।
घर-घर होगा सर्वे
मनपा अधिकारी के अनुसार मराठा सर्वेक्षण घर-घर जाकर करना होगा। इस सर्वेक्षण के लिए मनपा के एक वार्ड में जनसंख्या के हिसाब से 46 से 50 टीमें लगाई गई हैं। एक टीम में एक अधीक्षक और 15 कर्मचारी होंगे। एक टीम को प्रतिदिन 50 घरों का सर्वे करने का लक्ष्य दिया गया है। यह सर्वे तीन दिन में पूरा करना है। एक टीम औसतन 150 घरों तक पहुंचेगी। 800 से अधिक टीमें सर्वेक्षण करेंगी।
पूछे जाएंगे 156 सवाल
अधिकारी ने बताया कि जिस घर में मराठा होंगे, उनसे कुल 156 सवाल पूछे जाएंगे। इन सवालों में उनका मूल निवास, आय, परिवार के सदस्यों की संख्या, आरक्षण चाहिए कि नहीं जैसे सवाल होंगे।
साईनाथ राजाध्यक्ष, कार्याध्यक्ष, बृहन्मुंबई अभियंता संघ के मुताबिक इंजीनियरों को तकनीकी कार्य करने के लिए नियुक्त किया जाता है तो उन्हें इस तरह का सर्वेक्षण कार्य सौंपना उचित नहीं है। इससे शहर की नागरी सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। हमने मनपा आयुक्त को पत्र लिखकर इंजीनियरों को सर्वेक्षण कार्य से बाहर रखने की मांग की है। हमारी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो हम आंदोलन करेंगे।