एनजी आचार्य कॉलेज: हिजाब पहनने को लेकर कोर्ट के आदेश के बाद 12 छात्राओं ने बंद किया कॉलेज जाना

  • अधिकारियों से पर्यायी व्यवस्था की मांग
  • कोर्ट के आदेश के बाद कॉलेज जाना बंद किया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-21 16:13 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। चेंबूर स्थित एनजी आचार्य कॉलेज की कक्षा 12वीं की छात्राओं ने हिजाब विवाद में अदालती फैसले के बाद कॉलेज जाना बंद कर दिया है। छात्राओं का कहना है कि वे बचपन से सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनकर ही निकलती हैं, ऐसे में कॉलेज ने हिजाब निकालकर कक्षा में बैठने के जो दिशानिर्देश जारी किए हैं, उसका पालन करना उनके लिए संभव नहीं है इसीलिए उन्होंने कॉलेज न जाने का फैसला किया है। छात्राओं के कॉलेज न जाने को लेकर एजुकेशन एक्टिविस्ट अमर एकाड ने उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव को पत्र लिखकर मांग की है कि छात्राएं शिक्षा न छोड़ें इसके लिए कदम उठाए जाएं।

एकाड ने कहा कि यह प्रशासन और शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी है कि वह ऐसी व्यवस्था करे जिससे कोई छात्रा उच्च शिक्षा से वंचित न हो। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच की भी मांग की है। वहीं कॉलेज के एक मुस्लिम समुदाय के छात्र ने कहा कि मैं भी बचपन से धार्मिक रीतिरिवाजों के मुताबिक ही चलता हूं। कुर्ता पायजामा पहनता हूं और दाढ़ी रखता हूं लेकिन जब से यह विवाद हुआ है मैं भी तनाव में हूं और कॉलेज जाने का मन नहीं करता। कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. विद्यागौरी लेले ने कहा कि यह सही है कि 12वीं की छात्राओं ने कॉलेज आना बंद कर दिया है लेकिन इसके लिए हमारी ओर से कोई दबाव नहीं था।

हम चाहते हैं कि छात्राएं आएं और नियमों के तहत कपड़े पहनकर कक्षा में बैठें। उन्होंने कहा कि हमने सिर्फ हिजाब या बुर्खे पर ही नहीं टीशर्ट, फटी जींस जैसे पहनावे पर भी रोक लगाई है। यह किसी धर्म के खिलाफ नहीं है हम बस चाहते हैं कि विद्यार्थी ठीक-ठाक कपड़े पहनकर ही कॉलेज आएं। कॉलेज के इस फैसले से अभिभावक भी खुश हैं क्योंकि कइयों ने पहली बार अपने बच्चों को सलवार कुर्ता और फॉर्मल ड्रेस पहनकर कॉलेज आते देखा है।

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