भास्कर इम्पैक्ट: कुर्ला की चॉल में खुले 108 होटल-लॉज, मानवाधिकार आयोग ने पुलिस से मांगा हलफनामा

  • बीएमसी की ढिलाई से होटल संचालक पहुंचे कोर्ट
  • पुलिस के अस्पष्ट बयान से आयोग नाराज
  • विस्तृत हलफनामा मानवाधिकार आयोग ने पुलिस से मांगा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-28 08:49 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान। कुर्ला की चॉल में खुले अवैध 108 होटल-लॉज पर दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वयं संज्ञान लिया और मनपा प्रशासन, पुलिस प्रशासन, दमकल विभाग और शहरी विकास विभाग को तलब किया था। इसके बाद पुलिस ने हलफनामा दायर किया, जिसके अस्पष्ट स्वरूप को लेकर आयोग ने हैरानी जताई है। पुलिस विभाग को विस्तृत हलफनामा पेश करने का निर्देश आयोग ने दिया है। इस बीच अधिकारियों द्वारा कार्रवाई में बरती गई ढिलाई से कई होटल-लॉज संचालक कोर्ट पहुंच गए। मामले की अगली सुनवाई अब 21 फरवरी को होगी।

‘कुर्ला की चॉल में खुले 108-होटल लॉज, कोई हादसा हुआ तो कौन होगा जिम्मेदार' के शीर्षक से दैनिक भास्कर में 13 दिसंबर को खबर प्रकाशित हुई थी। इस खबर को गंभीरता से लेते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वयं संज्ञान लेते हुए मनपा प्रशासन, पुलिस प्रशासन, दमकल विभाग से लेकर शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव को नोटिस जारी करते हुए तलब किया था। इसकी पहली सुनवाई में कुर्ला एल वार्ड के कार्यकारी अभियंता नितिन कांबले, सहायक अभियंता सागर करपे, मेडिकल अफसर डॉ. शैलेंद्र गुजर, बिल्डिंग एंड फैक्ट्री विभाग के सहायक अभियंता किरणकुमार अन्नमवार, कुर्ला विभाग के सहायक पुलिस आयुक्त गंभीरे प्रत्यक्ष रूप से आयोग के समक्ष पेश हुए थे।

कुछ पर कार्रवाई तो कुछ को मिली अंतरिम राहत

मनपा के नामित अधिकारी नितिन कांबले की ओर से दायर हलफनामे को आयोग ने रेकॉर्ड पर लिया है। इस हलफनामे में मनपा ने बताया कि कुछ अवैध होटलों और गेस्ट हाउस पर कार्रवाई की गई है। जबकि कुछ होटल प्रबंधकों को सिटी सिविल कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है। हालांकि दमकल विभाग की ओर से इन अवैध होटलों पर कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट पेश नहीं की गई है। इस पर मनपा के विधि सहायक ने अगली सुनवाई में अतिरिक्त हलफनामा पेश करने की बात आयोग के समक्ष कहीं।

पुलिस की रिपोर्ट पर हैरानी

आयोग के निर्देश पर जोन पांच के पुलिस उपायुक्त मनोज पाटील ने एक गुप्त रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट में उपायुक्त द्वारा दिये गए अस्पष्ट बयानों पर आयोग ने हैरानी जाहिर की। इस रिपोर्ट में उपायुक्त ने बताया कि पांच अवैध होटलों पर कार्रवाई की गई है जबकि 31 लॉज अवैध पाए गए है। लेकिन इन अवैध लॉज पर उनके कार्यालय की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

इस पर आयोग ने अगली सुनवाई में विस्तृत हलफनामा पेश करने का निर्देश उपायुक्त को दिया है। इतना ही नहीं होटलों पर कार्रवाई के लिए मनपा को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश भी दिया है।

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