खास खबर: 20 साल से 100 फीसदी बच्चे हो रहे पास, कमजोर विद्यार्थियों के लिए छुट्टियों में चलती अतिरिक्त कक्षाएं
- 43 मनपा स्कूलों का परिणाम भी सौ फीसदी रहा
- पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों के लिए छुट्टियों में चलती हैं अतिरिक्त कक्षाएं
- प्रदर्शन अच्छा रखने स्कूलों की कवायद
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बोर्ड के साथ स्कूल की भी परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं और विद्यार्थियों को स्कूल आने से छुट्टी मिल चुकी है, लेकिन शिक्षक दीपक निचित अब भी अपने स्कूल में कई विद्यार्थियों को रोजाना पढ़ाते हैं। वे अकेले नहीं हैं दूसरे शिक्षक भी इस काम में उनका साथ देते हैं। कक्षा में आने वाले विद्यार्थी वे होते हैं जो पढ़ाई में थोड़ा कमजोर हैं और परीक्षा में कम नंबर हासिल किए हैं। शिक्षकों की ओर से मिलने वाली इसी मदद का नतीजा है कि पिछले 20 वर्षों से बोर्ड परीक्षा में उनके स्कूल का कोई विद्यार्थी असफल नहीं हुआ है। जबकि सरकारी स्कूल भी इस कोशिश में पीछे नहीं है, मनपा के 43 स्कूलों के सभी विद्यार्थी परीक्षा में उत्तीर्ण होते हैं। मुंबई के घाटकोपर इलाके में स्थित पुणे विद्यार्थी गृह विद्याभवन स्कूल में पिछले कई वर्षों से यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है। परीक्षा खत्म होने के बाद करीब 15 दिनों तक उन विद्यार्थियों को अलग से बुलाकर पढ़ाया जाता है जिन्हें किसी विषय को समझने में थोड़ी परेशानी हो रही होती है। शिक्षक निचित ने बताया कि इस तरह की कक्षाओं में विद्यार्थी बेहद कम होते हैं इसलिए बच्चे बेझिझक सवाल पूछते हैं। हम भी व्यक्तिगत तौर पर उन पर ध्यान दे पाते हैं। हमारे यहां कई ऐसे विद्यार्थी हैं जो आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग से हैं अलग से ट्यूशन नहीं पढ़ पाते। माता-पिता भी ज्यादा पढ़े लिखे नहीं होते ऐसे विद्यार्थियों की मदद हमारी जिम्मेदारी है, जिसे हम पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल से जुड़े कामों के साथ आजकल हम पर बीएलओ ड्यूटी की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी है लेकिन फिर भी हम बच्चों के लिए समय निकाल लेते हैं।
सरकारी स्कूल भी नहीं किसी से पीछे
दक्षिण मुंबई का गोपी बिड़ला मेमोरियल स्कूल भी उन स्कूलों में शामिल हैं जहां नतीजे 100 फीसदी रहते हैं। स्कूल की मुख्याध्यापिका मधु वडके ने कहा कि हम कमजोर विद्यार्थियों को पहचान कर उन्हें अतिरिक्त मदद देते हैं। इसके अलावा हम ऐसे विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हैं कि वे छुट्टियों के दौरान अगर किसी विषय को समझने में परेशानी हो रही हो तो वे शिक्षकों से ऑनलाइन मदद ले सकते हैं। खासकर बोर्ड की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को पूरी मदद दी जाती है। निजी स्कूलों के साथ सरकारी स्कूलों में भी अब नतीजों पर जोर दिया जा रहा है। मुंबई महानगर पालिका ने तो अपने स्कूल की कक्षा उन विद्यार्थियों के लिए खुली रखी है जिनके पास पढ़ने की जगह नहीं होती। इसके अलावा शिक्षक भी कमजोर विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त कक्षा ले रहे हैं। 2023 में मुंबई महानगर पालिका के भी 43 स्कूलों के नतीजे 100 फीसदी रहे थे।