लोकसभा 2024: 10 साल यूपीए बनाम, 10 साल एनडीए- महाराष्ट्र में सिकुड़ी कांग्रेस, फैली भाजपा
- पिछले चार लोकसभा चुनावों में किसकी कितनी रही ताकत
- 2009 में कांग्रेस और राकांपा को 6 सीटें मिली थी
- कांग्रेस और राकांपा (शरद) को करना पड़ेगा संघर्ष
डिजिटल डेस्क, मुंबई. साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों के ऐलान के साथ ही बिगुल बज गया है। इस बार लोकसभा चुनाव में केंद्र की सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्ष के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के बीच टक्कर होगी। महाराष्ट्र में एनडीए के तहत भाजपा महायुति गठबंधन का नेतृत्व कर रही है। जबकि इंडिया के अंतर्गत कांग्रेस महाविकास आघाडी दमखम दिखाने के लिए मैदान में उतरेगी। फिलहाल लोकसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ महायुति और महाविकास आघाडी दोनों गठबंधनों के सीटों के बंटवारे का फार्मूला तय नहीं हो पाया है। शिवसेना और राकांपा दोनों दलों में हुई टूट के कारण महाविकास आघाडी के सहयोगी उद्धव ठाकरे और शरद पवार के सामने इस बार के चुनाव में पहले की तुलना में वोट प्रतिशत बढ़ाने की चुनौती होगी।
साल 2004 के लोकसभा के बाद केंद्र की यूपीए सरकार बनने के बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस की ताकत मजबूत थी, लेकिन साल 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के बाद से महाराष्ट्र में कांग्रेस सिकुड़ती नजर आ रही है। कांग्रेस का वोट प्रतिशत भी घटता जा रही है। जबकि भाजपा का पूरे प्रदेश में फैलाव नजर आ रही है।
- 2009 में कांग्रेस और राकांपा को 6 सीटें मिली थी।
साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-राकांपा की आघाडी को 22 सीटें मिली थी। इसके मुकाबले भाजपा-शिवसेना युति ने 25 सीटें हासिल की थी। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-राकांपा की आघाडी की 25 सीटों की तुलना में भाजपा-शिवसेना युति को 20 सीटें मिली थी। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना युति ने 41 सीटों पर कब्जा किया था। इसकी तुलना में कांग्रेस और राकांपा की आघाडी को महज 6 सीटें मिली थी। वहीं, साल 2019 की लोकसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना युति ने पुराने प्रदर्शन को दोहराते हुए 41 सीटें हासिल की थी, जबकि कांग्रेस-राकांपा आघाडी केवल 5 सीट जीत पाई थी।
- कांग्रेस और राकांपा (शरद) को करना पड़ेगा संघर्ष
साल 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सामने अस्तित्व दिखाने की चुनौती होगी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में चंद्रपुर सीट से निर्वाचित हुए कांग्रेस के सांसद बालू धानोरकर के निधन के कारण यह सीट रिक्त हैं। इससे राज्य में कांग्रेस के लोकसभा के एक भी सदस्य नहीं हैं। राकांपा (शरद) के पास केवल 3 सांसद हैं। जबकि शिवसेना (उद्धव) के खेमे में 5 सांसद हैं। दूसरी ओर सत्तारूढ़ भाजपा के पास 23 सांसद, शिवसेना (शिंदे) के 13 सांसद और राकांपा (अजित) के एक सांसद हैं। फिलहाल सांसदों के संख्याबल के आधार पर महायुति उत्साह से लबरेज है, जबकि महाविकास आघाडी कड़े संघर्ष के लिए तैयार है।
साल 2004 लोस चुनाव
दल सीट जीती वोट प्रतिशत
कांग्रेस 13 23.77 %
राकांपा 9 18.31 %
भाजपा 13 22.61 %
शिवसेना 12 20.11 %
आरपीआई (ए) 1 1.01 %
साल 2009 लोस चुनाव
दल सीट जीती वोट प्रतिशत
कांग्रेस 17 19.61 %
राकांपा 8 19.28 %
भाजपा 9 18.17 %
शिवसेना 11 17 %
बहुजन विकास आघाडी 1 0.6 %
स्वाभिमानी पक्ष 1 1.3 %
निर्दलीय 1 8.06 %
साल 2014 लोस चुनाव
दल सीट जीती वोट प्रतिशत
भाजपा 23 27.56 %
शिवसेना 18 20.82 %
कांग्रेस 2 18.29 %
राकांपा 4 16.12 %
अन्य 1 0.14 %
साल 2019 लोस
दल सीट जीती वोट प्रतिशत
भाजपा 23 27.84 %
शिवसेना 18 23.50 %
राकांपा 4 15.66 %
कांग्रेस 1 16.41 %
एमआईएम 1 0.73 %
निर्दलीय 1 0.01 %