जिस रूट पर जनशताब्दी, इंटरसिटी, अमरकंटक निरस्त, उसी ट्रैक पर दौड़ रही वंदे भारत एक्सप्रेस
- वर्किंग पर सवाल : वंदे भारत के मुकाबले अन्य ट्रेनों में तीन गुना ज्यादा यात्री करते हैं सफर
- ट्रैक पर कार्य के दौरान वंदे भारत को कैसे चला रहे
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
पमरे के इटारसी-भोपाल रेलखंड के बीच पवारखेड़ा एवं जुझारपुर कैबिन फ्लाईओवर कार्य के चलते रेल प्रशासन द्वारा चार दिन के लिए भाेपाल और जबलपुर रूट की कुछ ट्रेनों को रद्द किया गया है। इनमें जबलपुर से चलने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस, रीवा-भोपाल इंटरसिटी और भोपाल-दुर्ग अमरकंटक एक्सप्रेस शामिल हैं। आश्चर्य की बात यह है कि निर्माण कार्य के चलते जिन जनप्रिय ट्रेनों को निरस्त किया गया है, उसी ट्रैक पर वंदे भारत ट्रेन को 120 किमी की रफ्तार से सरपट कैसे दौड़ाया जा रहा है? ये सवाल जनता ही नहीं, बल्कि रेलवे के अधिकारियों के बीच भी उठ रहे हैं।
सस्ती दर की ट्रेन को निरस्त कर महँगी दर वाली चला रहे
जानकारों का कहना है कि जनशताब्दी एक्सप्रेस से ज्यादा यात्री सफर करते हैं जबकि वंदे भारत में यात्री संख्या कम है। इसका एक कारण किराए में काफी अंतर होना है। जनशताब्दी एक्सप्रेस से जबलपुर से भोपाल जाने के लिए 520 रुपए किराया है। इसलिए इस ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या ज्यादा है। ज्यादातर मध्यमवर्गीय लोग जनशताब्दी से ही जाते-आते हैं। वहीं वंदे भारत का किराया एसी कोच का 965 रुपए और एग्जीक्यूटिव का 17 सौ रुपए है। रेलवे द्वारा सस्ती दर वाली ट्रेन को निरस्त कर महँगी दर वाली ट्रेन काे उसी ट्रैक पर चलाया जा रहा है, जिससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
जनशताब्दी और वंदे भारत में मात्र आधा घंटे का फर्क
भोपाल जाने के लिए जबलपुर से सुबह के समय जनशताब्दी एक्सप्रेस और वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें हैं। जनशताब्दी जबलपुर से 5.30 बजे रवाना होती है जो नरसिंहपुर, पिपरिया, इटारसी, नर्मदापुरम होते हुए रानी कमलापति स्टेशन पहुँचती है। उसके आधा घंटे बाद सुबह 6 बजे वंदे भारत ट्रेन जबलपुर से रानी कमलापति के लिए रवाना होती है। यह ट्रेन भी इसी रूट से जाती है। लोगों का कहना है कि जब जनशताब्दी एक्सप्रेस इस ट्रैक पर निरस्त है तो वंदे भारत ट्रेन कैसे दौड़ रही है।